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Delhi NCR Pollution: बारिश से सुधरी दिल्ली की आबोहवा, प्रदूषण से बड़ी राहत

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Published : Feb 1, 2023, 11:41 AM IST

दिल्ली एनसीआर में बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई. इससे लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका नेहरू नगर दर्ज किया गया, जहां का एक्यूआई 252 के स्तर पर पहुंच गया. इसके बावजूद एक्यूआई खराब कैटेगरी में ही बरकरार है.

बारिश से सुधरी दिल्ली की आबोहवा
बारिश से सुधरी दिल्ली की आबोहवा

नई दिल्ली: बुधवार को दिल्ली एनसीआर के लोगों को प्रदूषण से बड़ी राहत मिली है. बीते दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी और हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण छंट गया है. बीते दिनों दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब कटेगरी में बरकरार था. प्रदूषण में हुई बड़ी गिरावट के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है फिलहाल दिल्ली का AQI 159, गाजियाबाद का 100 और नोएडा का प्रदूषण स्तर 108 AQI दर्ज किया गया है.

दिल्ली के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर 124
शादीपुर 210
डीटीयू दिल्ली 95
आईटीओ दिल्ली 219
सिरी फोर्ट 179
मंदिर मार्ग 151
आरके पुरम 216
पंजाबी बाग 188
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 136
नेहरू नगर 252
द्वारका सेक्टर 189
पटपड़गंज 168
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज 198
अशोक विहार 141
सोनिया विहार 139
जहांगीरपुरी 174
रोहिणी 162
विवेक विहार 186
नजफगढ़ 144
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 150
नरेला 145
ओखला फेस टू 158
मुंडका NA
बवाना 119
श्री औरबिंदो मार्ग 157
आनंद विहार 195
IHBAS दिलशाद गार्डन 117

गाजियाबाद के इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर

गाजियाबाद के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा 124
इंदिरापुरम 91
संजय नगर 96
लोनी 90

नोएडा के इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर

नोएडा के इलाके वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62 109
सेक्टर 125 109
सेक्टर 1 106
सेक्टर 116 106

Air quality Index की श्रेणी: एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.

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(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

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Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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