नई दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के मामले में सुनवाई की. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि जब कोई व्यक्ति आरोपी नहीं है, तो उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) कैसे जारी रखा जा सकता है.
अरोड़ा द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह सवाल पूछा, जिसमें उनके खिलाफ जारी एलओसी को वापस लेने की मांग की गई थी. दिनेश अब सीबीआई का गवाह बन गया है. विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीबीआई की खिंचाई की और पूछा कि एलओसी को किस प्रावधान के तहत जारी रखा जा सकता है? बेहतर होगा कि आप इसे वापस ले लें.
आठ जून तक के लिए कार्रवाई स्थगित: सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) ने प्रस्तुत किया कि दिनेश अरोड़ा की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एलओसी जारी है. कोर्ट ने पूछा कि आप (सीबीआई) कब तक एलओसी जारी रखेंगे?. बहरहाल, अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी और वकील आर के ठाकुर से एलओसी जारी करने और वापस लेने के लिए दिशा-निर्देश प्रस्तुत करने को कहा है. संयुक्त अनुरोध पर मामले को आठ जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
वकील आरके ठाकुर द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि दिनेश अरोड़ा को अपनी पत्नी और छोटे बेटे के साथ 15 जून को नीदरलैंड जाना है. उनका बड़ा बेटा वहीं पढ़ता था. नवंबर 2022 में अदालत ने मनीष सिसोदिया के कथित सहयोगी व्यवसायी दिनेश अरोड़ा को कथित आबकारी नीति मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. व्यवसायी अरोड़ा जो पहले इस मामले में एक अभियुक्त था. उसने प्रस्तुत किया था कि वह मामले के बारे में स्वेच्छा से सही खुलासा करने को तैयार हैं और मामले में गवाह बनना चाहते हैं.