नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो प्रवासी मजदूरों के डाटा से संबंधित हलफनामा दाखिल करें. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद 25 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जानकारी मांगी
कोर्ट ने दोनों सरकारों से कहा कि वे प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए चल रही प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दें. याचिका शशांक एस मंगल ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम का दिल्ली में पूरे तरीके से पालन किया जाए. याचिका में कहा गया है कि दोनों सरकारें अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम की धारा 35 को लागू करने के लिए नियम बनाएं.
कितने प्रवासी मजदूर रजिस्टर्ड हुए हैं
याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि वे अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम की धारा 4 के तहत रजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों की संख्या बताएं. अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम की 8 के तहत कितने ठेकेदारों को लाईसेंस जारी किए गए हैं वो भी बताएं. अधिनियम की धारा 12 के तहत केंद्र और दिल्ली सरकार ने कितने मजदूरों को प्रवासी मजदूर घोषित किया है. अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम की धारा 3, 7, 11 और 20 के तहत कितने अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
केंद्रीय पोर्टल स्थापित करने की सलाह
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील रमेश सिंह ने कहा कि अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिक अधिनियम को लागू कर दिया गया है. तब कोर्ट ने कहा कि वर्तमान संकट के दौर में इस अधिनियम को लागू करने की जरुरत है. प्रवासी मजदूरों का डाटा रखने की जरुरत है ताकि समय रहते कोई कदम उठाया जा सके. इसके लिए सरकारों को एक केंद्रीय पोर्टल स्थापित करना चाहिए जिसमें ये दर्शाया गया हो कि प्रवासी मजदूरों को किन ठेकेदारों और नियोक्ताओं ने नियुक्त किया है.