नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ NCR में रहने वाले वकीलों को भी देने के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर लगी अंतरिम रोक को सुनवाई की अगली तारीख तक बढ़ाते हुए कहा कि इसका वित्तीय प्रभाव होगा. मामले की अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी.
21 सितंबर को कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी. दिल्ली सरकार की ओर से वकील सत्यकाम ने कहा था कि सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस तो जारी किया गया है, लेकिन आदेश पर रोक नहीं लगाने की वजह से दिल्ली सरकार को उन वकीलों के लिए भी प्रीमियम देना होगा, जो NCR में रहते हैं. अगर इस मामले का फैसला दिल्ली सरकार के पक्ष में भी आता है तो भी फैसला आने तक उसे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा.
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18 अगस्त को सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया था. सिगल बेंच के आदेश को दिल्ली सरकार ने चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राजीव नैयर ने कहा कि किन वकीलों को मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ मिले ये नीतिगत मामला है.
उन्होंने कहा कि सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार पर ये जिम्मेदारी डाली है कि वो NCR में रहने वाले वकीलों को भी इस योजना का भी लाभ दें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार चाहती है कि इस योजना का लाभ दिल्ली में रहने वाले वकीलों को मिले. सुनवाई के दौरान वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि NCR में रहने वाले वकील भी दिल्ली में प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन तमिलनाडु और दूसरे राज्यों के वकील दिल्ली में प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं. ऐसे में सिंगल बेंच का फैसला बिल्कुल सही हैं.