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सिक्किम के CM की अयोग्यता घटाने पर उठे सवाल, HC ने EC को भेजा नोटिस

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की निर्वाचन आयोग द्वारा अयोग्यता का समय छह साल से घटाकर डेढ़ साल कर दिया गया. इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. जिस पर आज सुनवाई हुई.

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Published : Oct 22, 2019, 4:29 PM IST

सिक्किम के CM की अयोग्यता पर उठे सवाल

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग द्वारा सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अयोग्यता का समय छह साल से घटाकर डेढ़ साल करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी.

निर्वाचन आयेग के फैसले को निरस्त करने की मांग
याचिका सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के महासचिव डेक बहादुर कटवाल ने दायर किया है. याचिका में तमांग की अयोग्यता का समय छह साल से घटाकर डेढ़ साल करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 11 के तहत निर्वाचन आयोग को मिली असीम शक्तियों को चुनौती दी गई है.

एक साल तक जेल तक में रहे हैं तमांग
याचिका में कहा गया है कि भ्रष्टाचार के मामले में 2017 में दोषी करार दिए गए तमांग ने 1994 से 1999 के बीच सिक्किम के पशुपालन मंत्री रहते हुए साढ़े नौ लाख रुपये का घोटाला किया था. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए एक साल की कैद की सजा सुनाई थी. इस सजा पर सिक्किम हाईकोर्ट ने भी मुहर लगाई थी जिसके बाद उन्हें 10 अगस्त 2017 से 10 अगस्त 2018 तक जेल में गुजारना पड़ा था.

तमांग ने सीएम पद की ली शपथ
वहीं तमांग ने पिछले 27 मई को सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के तहत तमांग को छह साल के लिए अयोग्य ठहराया जाना चाहिए था.

ये है पूरा मामला
पिछले मार्च में विधानसभा चुनाव से पहले सिक्किम क्रांतिकारी पार्टी ने तमांग को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया. अप्रैल में हुए चुनाव के दौरान पार्टी विजयी घोषित की गई और तमांग को मुख्यमंत्री बनाया गया. तमांग ने चुनाव नहीं लड़ा था इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए एक सीट से चुनाव जीतना जरूरी था. उसके बाद तमांग ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 11 के तहत अयोग्यता का समय घटाने के लिए निर्वाचन आयोग के यहां आवेदन दायर किया. निर्वाचन आयोग ने नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले तमांग की अयोग्यता की अवधि छह साल से घटाकर डेढ़ साल कर दिया.

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