नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को रियल एस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल को विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के जवाब दाखिल करने का अवसर दिए बिना आवेदन पर फैसला नहीं कर सकते हैं. अंसल ने अदालत को बताया कि उन्हें बिजनेस मीटिंग के लिए 28 सितंबर से 3 अक्टूबर तक बैंकॉक जाना है. अंसल को 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड से संबंधित सबूतों से छेड़छाड़ मामले में दोषी ठहराया गया है.
अंसल की याचिका पर न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने सवाल किया कि मुझे बताएं कि आप आखिरी समय में क्यों आए हैं. आप राज्य को जवाब देने के लिए कोई समय दिए बिना आखिरी समय पर आए हैं. आपने अदालत को भी कोई समय नहीं दिया है, आपको समय देना होगा. अपनी यात्रा स्थगित करें. मैं उन्हें जवाब देने के लिए समय दिए बिना आवेदन पर फैसला नहीं कर सकती. गोपाल अंसल के वकील ने कहा कि उन्होंने अपना पासपोर्ट 23 सितंबर को ही नवीनीकृत कराया था, जिसके कारण उन्हें अनुमति के लिए अदालत से संपर्क करने में समय लगा.
राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि पहले पासपोर्ट के नवीनीकरण की मांग करने वाले अंसल के आवेदन पर सहमति व्यक्त की गई थी. जब उनके वकील ने हलफनामा दिया था कि वह विदेश यात्रा से पहले अनुमति मांगेंगे और अब वह आखिरी वक्त पर आए हैं. उन्होंने तर्क दिया कि राज्य को अपना जवाब दाखिल करने या विदेश यात्रा के संबंध में उनके दावों को सत्यापित करने के लिए कोई समय नहीं मिलेगा. कुछ समय बाद, गोपाल अंसल के वकील ने अपने मुवक्किल से निर्देश लिया और कहा कि वह अपनी विदेश यात्रा को कुछ दिनों के लिए स्थगित कर देंगे. इसके बाद एक संशोधित यात्रा कार्यक्रम दाखिल करेंगे.
क्या था उपहार सिनेमा अग्निकांड: 13 जून, 1997 को हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के दौरान उपहार सिनेमा में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई थी. आग लगने की घटना से संबंधित मामले में गोपाल अंसल पहले ही अपनी जेल की सजा पूरी कर चुके हैं. एसोसिएशन ऑफ विक्टिम्स ऑफ उपहार ट्रेजेडी (एवीयूटी) ने सबूतों से छेड़छाड़ मामले में दोषियों को दी गई सजा को बढ़ाने के लिए पहले ही हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.