नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे सीरियल किलर चंद्रकांत झा को 90 दिन की पैरोल दी है. न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि दोषी चंद्रकांत झा बीते 15 साल से अधिक समय से जेल में बंद है, लेकिन जेल में संतोषजनक व्यवहार होने के बावजूद उसे बीते तीन साल में एक भी बार जेल से रिहा नहीं किया गया है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 90 दिन की पैरोल का आदेश देते हुए कहा कि सजायाफ्ता मुजरिम चंद्रकांत को अपना पता और फोन नंबर संबंधित थानाध्यक्ष को उपलब्ध कराना होगा. साथ ही हर तीसरे दिन स्थानीय थाने में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी. और तो और उसे बिना अनुमति के शहर छोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी. कोर्ट ने 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती पर मुजरिम चंद्रकांत को पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया.
इससे पहले दोषी चंद्रकांत झा ने याचिका में चार बेटियों का पिता होने की दलील दी थी और कहा था कि उसे बड़ी बेटी की शादी के लिए लड़का देखकर फाइनल करना है. याचिका में यह भी कहा गया था कि परिवार के साथ सामाजिक संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए उसे पैरोल दिया जाना जरूरी है.