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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शुरू किया शराब नहीं रोज़गार दो अभियान - Delhi alcoholic

कोविड प्रतिबंधों ने लाखों युवाओं की नौकरी छीन ली है और नौकरी के बाजार को छोटा कर दिया है, लेकिन शराब की दुकान के नेटवर्क का बहुत विस्तार हुआ है क्योंकि दिल्ली में अब 849 शराब की दुकानें हैं, जिसमें हर वार्ड में कम से कम तीन शराब की दुकानें हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अभियान फेसबुक और ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाया जा रहा है.

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Published : Jan 16, 2022, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ मुद्दा उठाते हुए, युवाओं के लिए नौकरी और लोगों के लिए आजीविका की मांग करते हुए “शराब नहीं रोज़गार दो“ अभियान शुरू किया. 21 से 25 साल के उम्र के लोग शराब का उपभोग कर रहे हैं.

अनिल चौधरी ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों ने लाखों युवाओं की नौकरी छीन ली है और नौकरी के बाजार को छोटा कर दिया है, लेकिन शराब की दुकान के नेटवर्क का बहुत विस्तार हुआ है क्योंकि दिल्ली में अब 849 शराब की दुकानें हैं, जिसमें हर वार्ड में कम से कम तीन शराब की दुकानें हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अभियान फेसबुक और ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाया जा रहा है.


अनिल कुमार ने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि दिल्ली के 18 विधानसभा क्षेत्रों, जिनमें पहले केवल 5 शराब की दुकानें थीं, उनमें अब 216 शराब की दुकानें हैं, क्योंकि सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए हर जगह दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. इससे यह अनुमान लग रहा है कि शराब अब पानी की तरह बहेगी और पूरे साल उपलब्ध रहेगी, जिसमें छठ पूजा, होली, दिवाली, गुरु नानक जयंती, रविदास जयंती, ईद, बकरीद और अन्य पवित्र त्योहारों जैसे धार्मिक त्योहार शामिल हैं.

दिल्ली में अब 849 शराब की दुकानें हैं.
अनिल कुमार ने कहा कि भारत रत्न राजीव गांधी ने युवाओं को मतदान का अधिकार देकर सशक्त किया, लेकिन अरविंद ने उन्हें बहुत कम उम्र में शराब पीने का अधिकार दिया है. अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ता रिहायशी इलाकों, शिक्षण संस्थानों और पूजा स्थलों के पास शराब की दुकानें खोलने का विरोध कर रहे हैं और ऐसी कई दुकानों को बंद करने के लिए मजबूर भी किया है. अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद ने तब भी दिल्ली की उपेक्षा की है जब कोविड के मामले और संक्रमण दर तेजी से बढ़ रही थी और ऑक्सीजन और ICU बेड की मांग बढ़ रही थी, क्योंकि अरविंद ने पंजाब में राजनीतिक अभियानों के लिए प्राथमिकता दी थी, जहां उन्होंने राज्य को "नशा मुक्त" बनाने की घोषणा की थी. अनिल कुमार ने कहा कि अरविंद के रोजगार पोर्टल के बारे में अब कोई नहीं जानता, क्योंकि यह शुरू से ही नॉन-स्टार्टर था, क्योंकि लोग खोखले वादे नहीं, बल्कि नौकरी, महंगाई से राहत, राशन कार्ड, बेहतर सार्वजनिक परिवहन और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे चाहते हैं. सुविधाएं, प्रदूषण मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली के साथ, एक अनिवासी मुख्यमंत्री नहीं बल्कि एक स्थायी निवासी मुख्यमंत्री की मांग करते हैं.

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