नई दिल्ली:राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए अस्पतालों के निर्माण और मौजूदा सुविधाओं के विस्तार से जुड़ी कई परियोजनाओं में तीन साल से अधिक की देरी हो चुकी है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है. दिल्ली सरकार की योजना के अनुसार 18 अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ पुराने अस्पतालों में अतिरिक्त भवन तैयार कराए जा रहे हैं. इसमें रोहिणी की फोरेंसिक प्रयोगशाला निर्माण की समय सीमा कई बार बढ़ चुकी है.
इन कारणों से हुई देरी: इन अस्पतालों के निर्माण की कुल लागत 3,236 करोड़ रुपये है. इनके पूरे होने पर राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में 12,778 बेड जुड़ने की उम्मीद है. इस बारे में दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने निर्माण को प्रभावित करने वाले मामले पर चर्चा करने और समाधान खोजने के लिए डिपार्टमेंट के अधिकारियों और ईएचआई-पीडब्ल्यूडी की एक बैठक बुलाई है. पीडब्ल्यूडी विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कई वित्तीय और प्रशासनिक कारणों से इन परियोजनाओं में देरी हुई है.
काम पूरा करने के लिए 600 करोड़ रुपये की जरूरत: हालांकि इनमें कई अस्पतालों में 80 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है. वहीं, हास्तसाल में बन रहे अस्पताल के निर्माण कार्य में सिर्फ 35 प्रतिशत की प्रगति हुई है. दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि धन की कमी देरी का सबसे बड़ा कारण है. हमें कुछ अस्पतालों को पूरा करने के लिए कम से कम 600 करोड़ रुपये की जरूरत है. इसी तरह लोकनायक अस्पताल में कैजुअल्टी ब्लॉक कम से कम तीन साल की देरी से अगस्त 2024 तक तैयार हो जाएगा. इसके अलावा एक और एडवांस पीडियाट्रिक ब्लॉक का काम भी एक साल की समय सीमा से आगे निकल गया है.
यह है देरी का कारण:सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इनमें से कई सुविधाओं का निर्माण कोविड के वर्षों के दौरान शुरू हुआ था, जिन्हें आईसीयू अस्पतालों के रूप में योजनाबद्ध किया गया. अब हमें एहसास हुआ है कि बहुत अधिक आईसीयू बिस्तरों की आवश्यकता नहीं है. इसलिए कुछ के डिजाइन बदल दिए गए हैं, जिससे कुछ देरी हुई है. इसके अलावा, कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. इन नए अस्पतालों में पश्चिमी दिल्ली के ज्वालापुरी, मादीपुर और हस्तसाल में एक-एक अस्पताल शामिल है.
काम को लेकर आश्वस्त नहीं अधिकारी:पहले दो अस्पताल पिछले साल पूरा होना था. वहीं, हस्तसाल में एक महीने में अस्पताल चालू हो जाना था. लेकिन यहां 65 प्रतिशत काम अधूरा है. तीनों अस्पतालों में 3,000 बिस्तर की व्यवस्था हैं, जबकि ज्वालापुरी और मादीपुर अस्पतालों का काम भी पिछले साल पूरा हो जाना था. तीन अस्पताल पीतमपुरा में भगवान महावीर, राजपुरा रोड पर अरुणा आसफ अली और अशोक विहार में दीप चंद बंधु अस्पताल के निर्माण कार्य भी रुके हुए हैं. ये कब पूरे होंगे, इसको लेकर अधिकारी आश्वस्त नहीं हैं.
लोकनायक अस्पताल में बढ़ेंगी ये सुविधाएं:दिल्ली गेट स्थित लोकनायक अस्पताल में 22 मंजिला एडवांस पीडियाट्रिक ब्लॉक का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इसकी समय सीमा तीन मई को खत्म हो गई थी, जिसे बढ़ाकर अब तीन मई 2024 कर दिया गया है. इस इमारत के बनने से 1500 नए बेड पर चिकित्सा सेवाएं शुरू की जाएंगी. इसके अलावा, इसमें 300 आईसीयू बेड भी होंगे. इस ब्लॉक को एडवांस पीडियाट्रिक एंड मैटरनिटी ब्लॉक नाम दिया गया है. यह पूरी तरह से वातानुकूलित होगा. साथ ही देश में किसी भी अस्पताल की पहली 25 मंजिला इमारत होगी. इसके बनने के बाद अस्पताल की कुल क्षमता 3,800 बेड की हो जाएगी. इसमें दो तल पर आइसीयू, दो तल पर रिसर्च लैब और बाकी तल पर चिकित्सा वार्ड होंगे.