नई दिल्ली/गाजियाबाद :पांच माह से चला आ रहा चातुर्मास 22 नवंबर 2023 को समाप्त जाएगा. 23 नवंबर को देव उठानी एकादशी है. इसके पश्चात 15 दिसंबर वैवाहिक मुहूर्त है. इसमें विवाह आदि के अच्छे योग हैं. देव उठानी एकादशी एक अनबूझ विवाह मुहूर्त है. देवोत्थान एकादशी को भक्त तुलसी विवाह भी करते हैं. कुछ लोग इसी अवसर पर अपने एकादशी व्रत का उद्यापन भी करके अपने व्रत का समापन कर देते हैं.
ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, देवोत्थान एकादशी पर ऐसा माना जाता है कि जिनकी शादियां अन्य किसी महीने में अथवा तिथि में ना बन रही हो तो इसमें बिना किसी विद्वान के परामर्श के तथा बिना वैवाहिक मुहूर्त निकलवाए कर सकते हैं. 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक 10 वैवाहिक मुहूर्त हैं.
15 दिसंबर से मलमास अथवा खर मास आरंभ:आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, उसके पश्चात 15 दिसंबर से मलमास अथवा खर मास आरंभ हो जाएगा. जब सूर्य धनु की संक्रांति में आते हैं. उसे एक मास को अशुद्ध मास माना गया है. इस माह में सभी वैवाहिक कार्य करने अथवा घर का मुहूर्त, गृह प्रवेश करना अशुभ माना जाता है. जब सूर्य पुनः 14 जनवरी को मकर संक्रांति में आएंगे तो वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश गृहारंभ मुहूर्त आदि पुनः आरंभ होंगे. जनवरी से मार्च तक के कुल 20 विवाह मुहूर्त हैं.