दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

Chaturmas 2023: 29 जून से आरंभ होगा चातुर्मास, भूलकर भी न करें ये काम

चातुर्मास 2023 में पूजा पाठ और साधना के साथ-साथ सेहत की सुरक्षा करने के भी कुछ नियम बताए गए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा से इन चार महीनों में क्या-क्या करने से बचना चाहिए.

चातुर्मास 2023
चातुर्मास 2023

By

Published : Jun 24, 2023, 6:14 AM IST

इस दिन से आरंभ होगा चातुर्मास

नई दिल्ली/गाजियाबाद:गुरुवार 29 जून को देवशयनी एकादशी है. ऐसा माना जाता है कि इस तिथि को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करना आरंभ करते हैं. वर्षा के चार मास अर्थात चातुर्मास के चार माह विश्राम करते हैं. दो श्रावण होने से इस वर्ष चातुर्मास की अवधि पांच माह की होगी. 23 नवंबर 2023 को चातुर्मास समाप्त होगा. देवोत्थान एकादशी अर्थात कार्तिक शुक्ल की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु जागृत होकर स्वर्ग लोक में पधारते हैं. पुराणों के अनुसार चातुर्मास में कई कार्य करने योग्य होते हैं, जबकि कई कार्यों पर प्रतिबंध रहता हैं.

चातुर्मास में कर सकते हैं ये कार्य:चातुर्मास के इन 4 महीनों में भगवान नारायण का जाप, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि करना चाहिए. कुछ भक्तगण चातुर्मास में विशिष्ट व्रत आदि करते हैं. कुछ लोग केवल एक समय खाना खाते हैं. कुछ चतुर्थी, अष्टमी, एकादशी, पूर्णिमा आदि पुण्य तिथियों का उपवास करने का संकल्प लेते हैं. उन सब का समापन 23 नवंबर को होगा. ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो भक्त उपवास किए हैं उतना अनादि खाद्य पदार्थ गरीबों, ब्राह्मणों विद्वानों को दान करना चाहिए.

सन्यासी लोग भी इस अवधि में अपने विशेष मठों में जाकर भगवान की तपस्या किया करते थे. क्योंकि यह 4 महीने मौसम परिवर्तन के होते हैं, इसलिए भगवान की आराधना के लिए यह सर्वोत्तम काल था. किंतु अब सुविधाएं हो गई हैं. नदियों पर पुल बन गए हैं. आवागमन सुरक्षित हो गया है इसलिए चातुर्मास का महत्व घट गया है. लेकिन जो भी हो इन दिनों में वातावरण में नमी हो जाती हैं. बीमारियां फैल जाती है. छोटे-छोटे हानिकारक जन्तु प्रकृति में फैल जाते हैं. जिससे थोड़ी सी भी असावधानी होने से व्यक्ति बीमार हो जाते हैं. इसलिए इन दिनों में साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए.

चातुर्मास में यह कार्य न करें:चातुर्मास की अवधि के दौरान विवाह संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि करना अशुभ माना जाता है. इसलिए चतुर्मास के दौरान इन कार्यों को नहीं करना चाहिए.

चातुर्मास में न खाएं ये खाद्य पदार्थ:चतुर्मास के दौरान कई ऐसे खाद्य पदार्थ है जिनका सेवन करने से बचना चाहिए. श्रावण मास में पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए, क्योंकि वर्षा अधिक होने से पत्तेदार सब्जियों में हानिकारक जीवाणु छुप जाते हैं. यदि हम पत्तेदार सब्जियों से बने भोजन को ग्रहण करते हैं तो हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.

भाद्रपद मास में दही का खाना वर्जित बताया गया है. भाद्रपद के दौरान सिंह के सूर्य भी होते हैं. प्रकृति में उमस बढ़ जाती है. जिससे दही में अधिक मात्रा में हानिकारक जीवाणु उत्पन्न होते हैं. उसमें खट्टापन बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इसलिए हमारे ऋषियों ने भाद्रपद के महीने में दही को खाना वर्जित किया है.

आश्विन मास में दूध का सेवन न करें: इस अवधि में लगभग वर्षा काल पूरा होने को होता है. किंतु मौसम में परिवर्तन हो जाता है. दूध देने वाले पशुओं का स्थान वर्षा के कारण अशुद्ध माना जाता है. इस कारण आश्विन मास में दूध का सेवन वर्जित है. आश्विन के महीने में पितृपक्ष भी होता है. कहा जाता है कि पितृपक्ष में दूध का सेवन करने से हमारे पूर्वज असंतुष्ट हो जाते हैं.

कार्तिक मास में प्याज, लहसुन, उड़द की दाल, छोले, बैंगन , मसालेदार सब्जियां, मांसाहारी भोजन करना वर्जित माना गया है. इन भोजन करने से शरीर में कफ संबंधी व्याधियों जन्म लेती हैं. जिससे हमारे ऋषियों ने इनका निषेध किया है.

चातुर्मास में काले, नीले वस्त्र धारण न करें. परनिंदा से बचें और ब्रह्मचर्य का पालन करें. ऐसा करने से हम इन मासों को अपने स्वास्थ्य के अनुकूल बना सकते हैं. ये शास्त्र वचन तो हैं ही, साथ ही साथ वैज्ञानिक कसौटी पर भी खरा है.

ये भी पढ़ें:Guru Pradosh Vrat 2023: आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत आज, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

ये भी पढ़ें: Aashadh Vinayak Chaturthi 2023: इस दिन व्रत करने से बनेंगे बिगड़े काम, जानें शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

ABOUT THE AUTHOR

...view details