नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के प्रमुख अस्पताल गोविंद बल्लभ (जीबी) पंत में करीब चार साल से एक कैथ लैब की मशीन खराब पड़ी है, जिसकी वजह से मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी (स्टेंट डालने) प्रभावित हो रही है. अस्पताल में हार्ट के मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के लिए दो कैथ लैब हैं. इसमें से एक मशीन कोरोना काल से पहले ही खराब हो गई थी. इसके बाद कोरोना के चलते काफी दिनों तक मशीन खरीदने के लिए फाइल को स्वीकृत होने में समय लगा और फाइल स्वीकृत होने के बाद टेंडर होने में भी देरी हुई. वहीं टेंडर रद्द होने के कारण भी मशीन खरीदने में विलंब हुआ. हालांकि अभी दूसरी कैथ लैब की मशीन द्वारा मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी करने की जा रही है.
इस बारे में अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर साइबल मुखोपाध्याय ने बताया कि मशीन का टेंडर पास हो गया है. अगले एक-दो महीने में मशीन यहां लगा दी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि अभी एक कैथ लैब में प्रतिदिन 20 मरीजों की एंजियोप्लास्टी हो रही है. फिलहाल इसके लिए कोई लंबी वेटिंग नहीं है. जिस भी मरीज की एंजियोप्लास्टी होती है उसको एक दिन पहले भर्ती किया जाता है और अगले ही दिन एंजियोप्लास्टी हो जाती है. फिर एक दिन बाद मरीज को छुट्टी दे दी जाती है. डॉक्टर ने बताया कि कार्डियोलॉजी की ओपीडी में प्रतिदिन हार्ट के 150 से 200 मरीज आते हैं, जबकि इमरजेंसी में भी 50 से 60 मरीज प्रतिदिन आते हैं.