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दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं की आम लोगों से दूरी ने बढ़ाई आलाकमान की चिंता

मौजूदा सांसद व पार्टी के पदाधिकारी जनसभा व बैठकों में पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं. मगर उन्हें इस बात की भी चिंता सता रही है कि कार्यकर्ता आम लोग तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिसकी वजह से कहीं चुनाव नतीजे में गड़बड़ ना हो जाए.

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Published : Apr 15, 2019, 3:26 PM IST

दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं की आम लोगों से दूरी ने बढ़ाई आलाकमान की चिंता

नई दिल्ली: दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान होगा. चुनाव में 3 पार्टियों के बीच मुकाबला है. आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है.

2014 में सातों संसदीय सीट पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है.

दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं की आम लोगों से दूरी ने बढ़ाई आलाकमान की चिंता

मौजूदा सांसद व पार्टी के पदाधिकारी जनसभा व बैठकों में पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे हैं. मगर उन्हें इस बात की भी चिंता सता रही है कि कार्यकर्ता आम लोग तक नहीं पहुंच पाए हैं. जिसकी वजह से कहीं चुनाव नतीजे में गड़बड़ ना हो जाए.

बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई
बीजेपी प्रदेश कार्यालय में एक समारोह में शिरकत करने आए पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि साल 2004 में अटल जी प्रधानमंत्री थे. विपक्षी उन्हें पसंद करते था. आम लोग भी अटल जी को चाहते थे. मगर चुनाव हुए तो पार्टी हार गई और बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई.

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पार्टी के कार्यकर्ता मानकर चल रहे थे कि नतीजे उनके पक्ष में होगा. वह आम लोगों से दूर हो गए थे. वर्ष 2019 में भी दिल्ली में कहीं ऐसा ना हो इसलिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को अलर्ट रहने के लिए कहा.

प्रत्याशियों के नाम तय
श्याम जाजू ने दिल्ली की 7 सीटों के लिए अगले दो-तीन दिनों में प्रत्याशियों के नाम तय हो जाने की बात उन्होंने कही. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा जो भी कार्यकर्ता दिल्ली के जिस भी इलाके में रहते है वहां नजदीक के पार्टी कार्यालय में जाएं संपर्क करें. उनसे चुनाव के मद्देनजर वे काम मांगे.

सबको चुनाव तक आम लोगों से जन संपर्क करना है. उनसे पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगना है. जो पार्टी के पक्ष में नहीं है उनकी भी सूची तैयार कर कार्यकर्ता पदाधिकारियों को सौंपे, ताकि उनसे बाद में संपर्क किया जा सके.

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