नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में किसान यूनियन जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. गाजियाबाद में भी जिला अध्यक्ष विजेंद्र यादव के नेतृत्व में किसान यूनियन ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. इसके बाद किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है.
भारतीय किसान यूनियन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष विजेंद्र सिंह ने कहा कि लगातार गन्ने की खेती किसानों पर बोझ बनती जा रही है. डीजल और खाद के दाम तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. जिस तरह से खेती का खर्च बढ़ा है. ठीक उसी तरह से गन्ने का भाव भी बढ़ना चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हो रहा है. प्रदेश सरकार किसानों की आय में इजाफा होने के लाख दावे कर रही है, लेकिन किसान के लिए खेती अभी भी घाटे का सौदा बनी हुई है. जिसकी वजह से किसान आत्महत्या की कगार पर पहुंच रहा है.
किसान को फसलों के दाम नहीं मिल रहे. बिजली-पानी में रियायत भी नहीं मिल रही. किसान का सहारा गन्ना है. उसका भुगतान भी नहीं हो पा रहा और ना ही उसके रेट किसान को मिल रहे. केवल किसान का गन्ना है, जो जीरो का रेट भरकर खरीद लिया जाता और बाद में जो चाहो रेट भर दो. इसके उलट सारे सामान का रेट बेचने वाला खुद लगाता है.
भाकियू जिलाध्यक्ष ने कहा कि फसलों को आवारा पशुओं ने तहस-नहस कर रखा है. सरकार आश्वासन देकर किसानों को ठगने का काम कर रही है. किसान आवाज उठाए तो उसे जेल में ठूंस दिया जाता है. मजबूरी में किसानों को आंदोलन की राह पकड़ने पर मजबूर होना पड़ता है. ये समय किसान का खेत में काम करने का है, लेकिन मजबूरी में उसे आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इस बार भारतीय किसान यूनियन ने ठानी है कि सरकार ने मांगें न मानी तो लड़ाई आर-पार की होगी. किसान अपना हक लेकर ही मानेगा.