नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट में हुई गोलीबारी के मद्देनजर बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) ने 24 अप्रैल को बैठक बुलाई है. इसमें जिला अदालतों में सुरक्षा चूक संबंधित मामलों पर चिंतन होगा. राष्ट्रीय राजधानी में सभी बार संघों को बैठक में बुलाया गया है. बीसीडी के महासचिव केके मनन ने कहा कि निचली अदालतों की सुरक्षा सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा नियमों की तर्ज पर होनी चाहिए.
केके मनन ने सुझाव दिया है कि वकीलों को तलाशी में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि इस प्रक्रिया का पूरा उद्देश्य उनकी और वादियों की सुरक्षा है. वाहनों की तलाशी भी ठीक से होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अदालत परिसर में व्यक्ति हथियार के साथ घुस जाता है. यह बेहद संगीन मामला है. मनन ने कहा कि वकीलों के साथ-साथ वादियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निचली अदालतों में सुप्रीम कोर्ट जैसी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा सकती है.
अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम:नई दिल्ली बार एसोसिएशन (एनडीबीए) और साकेत कोर्ट बार एसोसिएशन सहित अन्य संघों के सदस्यों ने भी इस अधिनियम की निंदा की. एसोसिएशन ने कहा कि ये घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक का खुलासा करता है. जांच प्रक्रिया में वकीलों को भी सहयोग करना चाहिए. वाहनों की फ्रिस्किंग भी ठीक से होनी चाहिए. वहीं एनडीबीए के उपाध्यक्ष और दिल्ली के सभी जिला बार संघों की समन्वय समिति के उपाध्यक्ष अधिवक्ता राहुल सिंह ने अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू कराने की बात कही है.