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आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- योगी आदित्यनाथ के नाम पर आदित्य नगर रखा जाए गाजियाबाद का नाम - गाजियाबाद नगर निगम

Ghaziabad Name Change: गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में बहुमत से गाजियाबाद के नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पास हो गया. वहीं, अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि गाजियाबाद का नाम योगी आदित्यनाथ के नाम पर आदित्य नगर रखा जाए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 10, 2024, 5:30 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 8:15 PM IST

आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली/गाजियाबाद:मंगलवार को निगम की बोर्ड बैठक में गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर दिया गया. यूपी में योगी सरकार के सत्ता संभालने के बाद कई जिलों का नाम परिवर्तित किया गया है. लंबे समय से गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग उठ रही है. बीते पांच सालों में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा नाम बदलने को लेकर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं. अब, इस मामले पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है.

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने योगी आदित्यनाथ के नाम पर आदित्यनगर नाम रखने की मांग की है. वहीं, दुदेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने गाजियाबाद का नाम गजप्रस्थ, हरानंदीपुरम या दूधेश्वर नगर रखने की मांग की है.

"नाम बदलने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन नाम रखा क्या जाएगा, गाजियाबाद तो बड़ा पॉपुलर नाम है. फिर भी उत्तर प्रदेश की सरकार चाहती है कि गाजियाबाद का नाम बदला जाए तो फिर इसका नाम जो रखेंगे जब हम बात करेंगे. मैं तो मांग करता हूं कि अगर गाजियाबाद का नाम बदलना ही है तो योगी आदित्यनाथ के नाम पर आदित्यनगर रख दिया जाए."

प्रमोद कृष्णम, कांग्रेस नेता

"भारत के शहरों का प्राचीन गौरव एक बार फिर वापस लौट रहा है. इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है. फैजाबाद का नाम अयोध्या धाम किया गया है. प्रदेश के कई बाजारों के नाम भी परिवर्तित किए गए हैं. वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ रखने की मांग की थी. गाजियाबाद का प्राचीन नाम गजप्रस्थ है. लंबे समय से हमारी मांग थी कि गाजियाबाद का नाम गजप्रस्थ, हरानंदीपुरम या दूधेश्वर नगर होना चाहिए. प्राचीन समय में गंगा और यमुना के बीच के क्षेत्र में हाथी का जंगल हुआ करता था."

महंत नारायण गिरी, महंत, दुदेश्वरनाथ मंदिर

"कई सालों से यहां पर ट्रिपल इंजन की सरकार है. गाजियाबाद में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनने थे लेकिन अभी तक नहीं बने हैं. नाम बदलने से ज्यादा जरूरी है कि पहले जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं समेत अन्य विकास कार्यों पर ध्यान दिया जाए, जो की जनता के लिए बेहद आवश्यक है. नाम बदलना महज ध्यान भटकाने भर का है."

डॉ बी पी त्यागी, महासचिव, राष्ट्रवादी जनसत्ता दल

बता दें, गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक के दौरान मंगलवार को 23 प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस दौरान गाजियाबाद के नाम को परिवर्तित करने का प्रस्ताव रखा गया. सदन द्वारा नाम परिवर्तित करने के प्रस्ताव को बहुमत के साथ पास कर दिया गया. अब शासन और मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. प्रस्ताव के साथ-साथ शासन को शहर वासियों द्वारा सुझाए गए नाम की सूची भी भेजी जाएगी. शासन से अनुमति मिलने के बाद नाम बदलने की कार्यवाही की जाएगी.

स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव की कहानी विक्रम वेताल जैसी: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर के नेताओं को बयान दिए जा रहे हैं. ऐसे में यूपी के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का एक विवादित बयान फिर सामने आया है. उन्होंने कार सेवकों को अराजक तत्व बताते हुए तत्कालीन सपा सरकार द्वारा गोली चलाने की घटना को न्याय संगत और जायज करार दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व में समाजवादी पार्टी की सरकार में जो अराजक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी इसी के चलते न्याय की रक्षा करने के लिए गोली चलाई गई थी.

वहीं, कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पलटवार करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव की कहानी विक्रम बेताल जैसी है. स्वामी प्रसाद मौर्य का भूत अखिलेश यादव के ऊपर चढ़ गया है. अब इस भूत का उतरना काफी मुश्किल हो गया है. प्रमोद कृष्णम कहते हैं कि पता नहीं क्या खेल है जिसने बुद्धि भ्रष्ट कर दी है. अच्छी खासी पार्टी जो नेता जी ने खून पसीने से बनाई थी. जोकि गरीब किसान युवाओं के साथ-साथ सभी की बात करती थी. उसको बर्बाद करने का ठेका और सुपारी स्वामी प्रसाद मौर्य ने ले ली है. अखिलेश यादव की मजबूरी है

Last Updated : Jan 10, 2024, 8:15 PM IST

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