नई दिल्ली: मिशन 2019 के लिए तमाम राजनीतिक दल वोटरों को साधने में लगे हैं. दिल्ली में पूर्वांचली मतदाताओं की बात की जाए, वोट के हिसाब से पूर्वांचली मतदाता एक अहम भूमिका निभाते हैं. इस चुनाव में भी हर पार्टी इन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश में लगी है. इधर कांग्रेस के सीनियर नेता महाबल मिश्रा ने कहा है कि वक्त आने पर दिखा देंगे कि दिल्ली में पूर्वांचलियों का नेता कौन है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में महाबल मिश्रा ने कहा कि 2014 का चुनाव एक परिवर्चन की लहर थी. कांग्रेस के खिलाफ दूषित वातावरण फैलाया गया. अब लोग झूठ समझ चुके हैं और कांग्रेस के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ रहा है.
दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों ने हमेशा का साथ दिया. लेकिन 2014 में राम मंदिर और 15 लाख जुमले में खो गए और 2015 में केजरीवाल के दिखाए सपनों में लोग उलझ गए. लेकिन आज ना लोगों को पैसा मिला, न नौकरी मिली. लेकिन अब समय आएगा तो दिखा देंगे कि दिल्ली में पूर्वांचलियों का असली नेता कौन है.
पूर्वांचलियों के हित में अपने कामों को गिनाते हुए महाबल मिश्रा ने कहा कि 1998 में मैंने मैथिली भोजपुरी अकादमी की लड़ाई लड़ी, छठ पूजा को दिल्ली में मान्यता दिलाने की लड़ाई लड़ी, 1999 में योगदान आहुजा ने जब प्रस्ताव लाया कि पूर्वांचली लोग दिल्ली को गंदा करते हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगना चाहिए, तो मैंने इसका विरोध किया, 2004 में जब एक बीजेपी विधायक ने पूर्वांचली छात्रों का दिल्ली में एडमिशन रोकने की बात कही तो उसके खिलाफ खड़े हुए.