दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

सहवाग की फैन हैं कमलप्रीत कौर, क्रिकेट को बताया अपना दूसरा प्यार - sehwags fan kamalpreet

टोक्यो ओलंपिक में 9वें दिन डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर (Discus thrower Kamalpreet Kaur) ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंच गई हैं. ऐसे में भारत के लिए एक मेडल पक्का कर लिया है. 25 साल की कौर ने डिस्कस थ्रो में 64 मीटर के अपने बेस्ट प्रयास के साथ शनिवार को फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया.

Kamalpreet Tokyo Olympics  टोक्यो ओलंपिक 2020  Tokyo Olympics day 9  Discus thrower Kamalpreet Kaur  ओलंपिक चक्का फेंक  कमलप्रीत कौर  Kamalpreet Kaur
डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर

By

Published : Aug 1, 2021, 3:35 PM IST

नई दिल्ली:ओलंपिक चक्का फेंक स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल में जगह पक्की करने वाली भारतीय एथलीट कमलप्रीत कौर वीरेन्द्र सहवाग की प्रशंसक हैं. किसी दिन वह क्रिकेट टूर्नामेंट में भी खेलना चाहती हैं. लेकिन इसी शर्त पर की यह उनके पहले जुनून (चक्का फेंक) के रास्ते में न आए.

इस 25 साल की खिलाड़ी ने चक्का फेंक में 64 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के शनिवार को फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया. उन्होंने कहा कि उनमें एक बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट खेलने की स्वाभाविक प्रतिभा है.

यह भी पढ़ें:कोविड-19 लॉकडाउन से मुक्केबाजों की लय प्रभावित हुई: BFI अध्यक्ष

कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान मनोवैज्ञानिक चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने पिछले साल क्रिकेट में अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया था. उन्होंने कहा, 'मैं चक्का फेंक नहीं छोड़ रही हूं, यह मेरा पहला जुनून है. मैं सोमवार को पदक जीत कर भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) का कर्ज चुकाना चाहती हूं. उन्होंने मेरे प्रशिक्षण, प्रतियोगिता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है.'

यह भी पढ़ें:सिमोन बाइल्स ने फ्लोर एक्सरसाइज से भी नाम वापिस लिया

कमलप्रीत ने एक साक्षात्कार में कहा, 'ओलंपिक के बाद मैं विश्व चैंपियनशिप (2022) और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं किसी दिन हालांकि कुछ क्रिकेट टूर्नामेंटों में खेलना चाहती हूं. वह (क्रिकेट) मेरा दूसरा जुनून है. मैं एथलेटिक्स जारी रखते हुए क्रिकेट भी खेल सकती हूं. मैंने अपने गांव और आसपास की जगहों पर क्रिकेट खेला है. मुझे लगता है कि मुझमें क्रिकेट खेलने की नैसर्गिक प्रतिभा है.' कमलप्रीत को बल्लेबाजी करना पसंद है और वह भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसक हैं.

यह भी पढ़ें:ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान जॉर्ज बेली राष्ट्रीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बने

उन्होंने कहा, 'मुझे सहवाग या धोनी की तरह बल्लेबाजी करना पसंद है. उनके पास तकनीक कम है, लेकिन वे किसी भी गेंदबाज के खिलाफ बड़े शॉट खेल सकते हैं. खासकर सहवाग की मुझे उनकी कई बेहतरीन पारियां याद हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं सहवाग की वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गई दोहरी शतकीय पारी (2011 में इंदौर में 219 रन) और बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय विश्व कप (2011 में 140 गेंद में 175 रन) में खेली गई पारियों को कभी नहीं भूल सकती हूं.'

यह भी पढ़ें:Tokyo Olympics 2020, Day 10: भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा क्रॉस कंट्री दौर के बाद 22वें स्थान पर

उन्होंने कहा कि मुझे सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी भी पसंद है. शनिवार को चक्का फेंक के इसी स्पर्धा में अनुभवी सीमा पूनिया फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहीं. कमलप्रीत ने इससे पहले भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में 65.06 मीटर और 66.59 मीटर के थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, जिसके बाद सीमा ने पिछले दिनों एएफआई से कमलप्रीत की हाइपरएंड्रोजेनिज्म (महिलाओं की तुलना में शरीर में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा) जांच की मांग की थी. महासंघ ने हालांकि उनके आरोपों को खारिज कर दिया था.

कमलप्रीत किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'मैं (आरोप से) आहत थी. वह मुझसे सीनियर हैं और मुझे मार्गदर्शन देने के बजाय बिना किसी सबूत के आरोप लगा रही थी.' अपने पहले ओलंपिक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'ओलंपिक एक बड़ा अवसर है. मैं शुरुआती थ्रो से पहले नर्वस महसूस कर रही थी. लेकिन पहले थ्रो के बाद मुझे अच्छा लगा. तीसरे थ्रो तक अच्छे प्रदर्शन को लेकर मैं आश्वस्त थी और इसीलिए मैंने 64 मीटर की दूरी तक चक्का फेंका.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details