इंफाल:मणिपुर की भारोत्तोलक ने महिलाओं के 49 किलोग्राम वर्ग में रजत जीतकर टोक्यो खेलों में भारत का खाता खोला. चानू ने 202 किग्रा (87 किग्रा-115 किग्रा) वजन उठाकर 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक को बेहतर बनाया. चीन के झिहुई होउ ने 210 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका ने तीसरा (194 किग्रा) स्थान हासिल किया.
चानू के बड़े भाई बिनोद मैतेई ने कहा, रजत जीतने के बाद उन्होंने खुशखबरी साझा करने के लिए अपनी मां सैखोम तोम्बी को फोन किया. साथ ही कहा कि मुकाबला शुरू होने से पहले भी चानू ने फोन किया था.
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बिनोद ने मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग गांव से फोन पर आईएएनएस से कहा, चानू हालांकि स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पाई. लेकिन हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश और रोमांचित हैं. रजत पदक हम सभी के लिए स्वर्ण के समान है.
चानू एक कम आय वाले परिवार से ताल्लुक रखती है, जिसमें आठ सदस्य शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर खेत में काम करते हैं.
चानू के पिता सैखोम कृति मैतेई ने कहा, उन्होंने अपनी बेटी के विजयी प्रदर्शन को टेलीविजन पर अपनी आंखों में खुशी के आंसू के साथ देखा. सौखम मानते हैं कि उनकी बेटी ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश को गौरवान्वित किया है.