दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

पूर्व कोच ने Golden Boy नीरज चोपड़ा के विनम्रता की सराहना की

एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रशंसा से सराबोर होने के बावजूद, भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा आभार व्यक्त करने के लिए अपने कोच को फोन करना नहीं भूले.

Golden boy Neeraj Chopra  Neeraj Chopra former coach  humility appreciated  कोच काशीनाथ नाइक  Coach Kashinath Naik  Golden Boy  ओलंपिक स्वर्ण पदक
पूर्व कोच काशीनाथ नाइक और खिलाड़ी नीरज चोपड़ा

By

Published : Aug 9, 2021, 3:11 PM IST

बेंगलुरू:नीरज चोपड़ा के पूर्व कोच काशीनाथ नाइक ने आईएएनएस को बताया, रविवार की सुबह नीरज ने मुझे फोन किया. उन्होंने कहा, वह मेरे आशीर्वाद से यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं. पुणे में भारतीय सेना में सूबेदार नाइक ने साल 2015 और 2017 के बीच पटियाला राष्ट्रीय शिविर में चोपड़ा को प्रशिक्षित किया था.

कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर नाइक साल 2000 में भारतीय सेना में शामिल हुए और भाला फेंक में 14 बार के राष्ट्रीय चैंपियन बने. साल 2011 में कंधे में चोट लगने के बाद नाइक ने कोचिंग की ओर रुख किया. नाइक ने कहा, साल 2015 के बाद से नीरज कभी नहीं बदले हैं. उनकी प्रकृति अभी भी बरकरार है. आज भी, वह सकारात्मक भावना से सुझाव लेते हैं. अधिकांश पदक विजेता कोचों की उपेक्षा करने लगते हैं. लेकिन नीरज ने ऐसा नहीं किया.

यह भी पढ़ें:फिलहाल खेल पर ध्यान देना चाहता हूं, बायोपिक के लिए वक्त नहीं : नीरज चोपड़ा

नाइक ने याद किया, जब चोपड़ा कैंप में शामिल हुए थे, तब उन्हें जिम ट्रेनिंग की जरूरत थी. उनके पास ताकत की कमी थी. चोपड़ा ने एक मिशन के साथ और अनुशासित तरीके से काम किया. वह अभ्यास के दौरान और विशेष रूप से तकनीकों पर प्रशिक्षण के दौरान किसी से बात नहीं करते थे, उनका ध्यान कभी नहीं हटता था. चोपड़ा अपने प्रारंभिक दिनों से ही आश्वस्त थे और उनकी भावना और आत्मविश्वास के कारण उन्हें राष्ट्रीय शिविर के लिए चुना गया था.

यह भी पढ़ें:Welcome Golden Boy: आज ढोल नगाड़े के साथ होगा नीरज चोपड़ा का स्वागत, जश्न का माहौल

नाइक ने भावनात्मक रूप से कहा, मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता. हालांकि, मैं अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराते और हमारा राष्ट्रगान बजता नहीं देख सका. नीरज चोपड़ा के माध्यम से सपना साकार हुआ है. नाइक ने याद किया, शुरूआत में, एक जूनियर के रूप में, चोपड़ा लगभग 69 मीटर फेंकने में सक्षम थे. उनके पास जीतने की भावना थी. उन्होंने एक प्रतियोगिता में भाग लिया और देवेंद्र सिंह के बाद दूसरे स्थान पर रहे.

यह भी पढ़ें:अभिनव बिंद्रा से प्रेरणा लेते हैं भारतीय एथलीट : स्वर्ण पदक विजेता नीरज

साल 2016 में, नीरज ने एशियाई खेलों में भाग लिया और 82.2 मीटर भाला फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने पोलैंड में आयोजित जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर के साथ अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाया.

नाइक ने अन्नू रानी (एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप पदक विजेता और महिला भाला में ओलंपिक प्रतिभागी), शिवपाल सिंह (एशियाई चैम्पियनशिप पदक विजेता और विश्व चैंपियनशिप प्रतिभागी), समरजीत सिंह (एशियाई चैम्पियनशिप पदक विजेता), देवेंद्र सिंह (एशियाई चैम्पियनशिप पदक विजेता, विश्व चैम्पियनशिप) को भी प्रशिक्षित किया है.

यह भी पढ़ें:ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए पुरस्कारों की घोषणा : उद्योग जगत

चोपड़ा ने नाइक द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद जूनियर विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते थे. कर्नाटक सरकार ने नाइक की सेवा को मान्यता देते हुए 10 लाख रुपए नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गर्व से कहा, राज्य ने भी चोपड़ा की उपलब्धि में योगदान दिया है.

नाइक ने कह, जब भी कोई उपलब्धि होती है तो इसका सारा श्रेय खिलाड़ी को जाता है. कोच समान रूप से पसीना बहाते हैं और उनके साथ संघर्ष करते हैं और समाज को इस तथ्य को पहचानने की जरूरत है. चोपड़ा के इस कारनामे को आकांक्षी युवा पसंद करेंगे. उन्होंने रेखांकित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रयुक्त प्रतिभा पूल द्वारा ली गई प्रेरणा बहुत बड़ी होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details