हैदराबाद: जिस देश में क्रिकेट को पूजा जाता है, उसी देश के एक खिलाड़ी ने टेनिस की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल किया. ये कोई और नहीं बल्कि भारत की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा है जिनको शक्तिशाली फोरहैंड ग्राउंड स्ट्रोक के लिए जाना जाता है.
सानिया मिर्जा ने ना सिर्फ टेनिस में भारत को पहचान दिलाई, बल्कि कई लोगों को प्रेरित में किया. वे भारत की अब तक की सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. इसके साथ ही वे किसी ग्रैंड स्लैम के चौथे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी है.
ये तो कुछ भी नहीं है, इसके अलावा सानिया मिर्जा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली भी पहली भारतीय महिला है.
33 साल की इस खिलाड़ी की उपलब्धियों की लिस्ट बहुत लंबी है. उन्होंने मिश्रित युगल और युगल मुकाबलों में छह ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए है. साथ ही साल 2003 से 2013 (महिला एकल से संन्यास लेने) तक में सानिया को डब्ल्यूटीए द्वारा दोनों श्रेणियों में भारत के नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में स्थान दिया गया था.
अपने करियर के दौरान सानिया मिर्जा ने स्वेतलाना कुज़नेत्सोवा, वेरा ज़्वोनारेवा, मैरियन बारटोली, मार्टिना हिंगिस, दिनारा सफीना और विक्टोरिया अजारेंका जैसे खिलाड़ियों पर शानदार जीत हासिल की है.
आईए आपको बताते है सानिया मिर्जा के इस शानदार करियर की पांच सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय जीत के बारे में-
विंबलडन ट्रॉफी
12 साल तक एक पेशेवर टेनिस खिलाड़ी के रूप में खेलने के बाद, सानिया ने साल 2015 के विंबलडन चैंपियनशिप में अपने पहले महिला युगल खिताब पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया. इस फाइनल मुकाबले में उन्होंने और मार्टिना हिंगिस ने एकातेरिना मकारोवा और एलेना सेस्निना की रूसी खिलाड़ी को हराकर विंबलडन का खिताब जीता था.
इस इंडो-स्विस जोड़ी ने बिना कोई भी मुकाबला गवांए फाइनल में प्रवेश किया था. फाइनल मुकाबले में सानिया-हिंगिस की जोड़ी को पहले सेट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद उन दोनों ने वापसी की और रूसी जोड़ी मकारोवा और वेस्नीना को 5-7, 7-6, 7-5 से हराया. इस जीत के साथ ही सानिया इतिहास रचते हुए विंबलडन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई.
पहला डब्ल्यूटीए खिताब