नई दिल्ली : भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा है कि युवा महिला खिलाड़ियों को कोचिंग के दौरान काफी संवेदनशील रहने की जरूरत है. सानिया ने ये बात बुधवार को अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा भारतीय प्रशिक्षकों के लिए आयोजित किए गए वेबीनार में कही.
शरीर में अंदरूनी तौर पर काफी बदलाव होते हैं
सानिया ने कहा, "मेरे पिता हमेशा कहते थे कि महिला टेनिस खिलाड़ी के साथ काम करना काफी मुश्किल होता है, मानसिक तौर पर भी क्योंकि मुझे लगता है कि जब लड़कियां युवा अवस्था में आती हैं कई चीजों से गुजरती हैं."
स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा उन्होंने कहा, "आपके शरीर में अंदरूनी तौर पर काफी बदलाव होते हैं और बाहरी तौर पर भी. आप सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी बनने की कोशिश करते हो और साथ ही आपके शरीर में हारोमोनल बदलाव होते हैं और ये एक महिला के साथ पूरी जिंदगी भर होते हैं."
स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा है कि देश में महिलाओं के लिए खेलों को वास्तविक करियर के रूप में देखने में अभी कुछ और समय लगेगा.
उन्होंने कहा, "आप उनको लेकर थोड़े बहुत संवेदनशील हो सकते हैं और कई बार टेनिस खिलाड़ी बनने के साथ-साथ वो अपने आप को भी खोजती रहती हैं, इसलिए उनके साथ काम करना काफी मुश्किल होता है."
भाग्यशाली हूं कि मेरी मदद करने वाले लोग मेरे आस-पास हैं
सानिया ने इसी साल जनवरी में होबार्ट इंटरनेशनल के महिला युगल वर्ग का खिताब जीत विजयी वापसी की थी. वो अपने बेटे को जन्म देने के बाद लंबे अरसे बाद कोर्ट पर लौटी थीं.
सानिया से जब टेनिस खिलाड़ी और मां की दोहरी जिम्मेदारी निभाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "जैसे मैंने सभी चीजों को संभाला. मैं टेनिस और मातृत्व दोनों को संभाल रही हूं. मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी मदद करने वाले लोग मेरे आस-पास हैं. ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात है. मेरी मां और बहन मेरी जितनी मदद कर सकती थीं की."
अपने बेटे के साथ सानिया मिर्जा उन्होंने कहा, "मैं जब वापसी करने वाली थी तब कई लोगों ने सवाल किया था कि आपको वजन कम करने का समय कब मिला. जब आप बच्चे को जन्म देते हो तो शरीर में काफी बदलाव होते हैं. आपको सिर्फ चीजों को अपनाना होता है. अपने दिन के समय से दो घंटे वर्कआउट के लिए निकालने होते हैं और संतुलन बनाना होता है. यह आपके लिए भी अच्छा होता है,"