न्यूयॉर्क: वर्ल्ड नंबर-10 जापान की महिला टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने नस्लीय अन्याय के विरोध में यहां हो रहे वेस्टर्न एंड सदर्न ओपन डब्ल्यूटीए टेनिस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल से नाम वापस ले लिया है.
दो बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन ओसाका बुधवार को ऐनेट कोंटावेट को 4-6, 6-2, 7-5 से हराकर सेमीफाइनल में पहुंची थी, जहां उनका सामना एलिस मर्टिनेस से होना था.
अमेरिका के विस्कॉन्सिन में बीते रविवार को दो पुलिसकर्मियों ने 29 साल के अश्वेत जैकब ब्लैक को उसके बच्चे के सामने पीठ पर सात गोलियां मारी थी. इसके बाद से वे अस्पताल में भर्ती है. इस घटना से खफा ओसाका ने टूर्नामेंट से नाम वापस लेने का फैसला किया.
इसके बाद नस्लीय असमानता के विरोध में वेस्टर्न और सदर्न ओपन टूर्नामेंट के खेल को गुरुवार को रोक दिया गया. फिलहाल के लिए इस टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया गया है.
ओसाका ने ट्वीटर पर लिखा, "एक एथलीट होने से पहले मैं एक अश्वेत महिला हूं. एक अश्वेत महिला होने के नाते मुझे लगता है कि हाथ में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण मामले हैं, जिन पर मुझे टेनिस खेलने से ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है."
उन्होंने आगे लिखा, "मैं जानती हूं कि मेरे टेनिस नहीं खेलने से बहुत कुछ नहीं बदल जाएगा. मगर एक खिलाड़ी होने के नाते अगर बहस शुरू होती है, तो मैं इसे सही दिशा में उठाया गया कदम मानूंगी."
ओसाका ने लिखा कि पुलिस के हाथों अश्वेतों का नरसंहार मुझे बीमार कर रहा है. मैं थक चुकी हूं. आखिर यह कब रूकेगा?
अमेरिका की अश्वेत खिलाड़ी सलोनी स्टीफन्स ने ओसाका के ट्वीट के रिट्वीट करके कहा, "मुझे तुम पर गर्व है." मिलोस राओनिच ने भी बुधवार को सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद कहा कि एटीपी और डब्ल्यूटीए को इस पर संयुक्त कार्रवाई के बारे में सोचना चाहिए.
बता दें इसके अलावा नेशलब बॉस्केटबॉल एसोसिएशन (एनबीए), महिला एनबीए, मेजर लीग बेसबॉल और मेजर लीग सॉकर (फुटबॉल) के मैच भी खिलाड़ियों द्वारा सामाजिक न्याय की मांग करने के कारण स्थगित कर दिए गए.