नई दिल्ली: दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील करीब आठ साल बाद विश्व चैम्पियनशिप में लौटे हैं, जहां वह 74 किग्रा भार वर्ग में ताल ठोकेंगे. 2010 में विश्व चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता सुशील की नजरें चौथी बार ओलम्पिक खेलने पर टिकी हुई हैं.
पूर्व विश्व चैम्पियन सुशील अगर इस चैम्पियनशिप में पदक हासिल करते हैं तो वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा ले सकेंगे. कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में जारी विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप, टोक्यो ओलम्पिक के लिए एक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी हैं.
भारत ने टूर्नामेंट में की खराब शुरुआत
विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के पहले दिन भारत को अच्छी शुरुआत नहीं मिल सकी. भारत को ग्रीको-रोमन में चार मुकाबले खेलने थे, लेकिन चारों में उसे हार मिली. हरप्रीत सिंह (82 किलोग्राम भारवर्ग), सागर (63 किलोग्राम भारवर्ग), मनजीत (55 किलोग्राम भारवर्ग) अपने-अपने मुकाबलों में एक भी अंक हासिल नहीं कर सके.
सुशील के अनुभव आ सकता है काम
इन पहलवानों के हार के बाद अब योगेश्वर को बाकी बचे पहलवानों से पदक की उम्मीद है. योगेश्वर ने सुशील से पदक की उम्मीद जताते हुए कहा, "इस समय सुशील पहलवान सबसे अनुभवी पहलवानों में से एक हैं. वे दो बार ओलम्पिक पदक और एक बार विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुके हैं. उनकी यह उपलब्धि खुद ही उनके बारे में कुछ बयां करती है. इस विश्व चैम्पियनशिप में उनका अनुभव काफी मदद करेगा."
योगेश्वर ने 2012 के लंदन ओलम्पिक में 60 किग्रा में कांस्य पदक जीता था, वहीं सुशील ने इसी ओलम्पिक में 66 किग्रा में रजत पदक अपने नाम किया था. सुशील को पदक का बड़ा दावेदार मानते हुए योगेश्वर ने कहा कि वह इस बार भी भारत के लिए इतिहास रच सकते हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे अपने पहलवानों, खासकर बरजंग, सुशील, साक्षी और विनेश से काफी उम्मीदें हैं. पिछले वर्षो से हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. हमने कई विभिन्न टूर्नामेंटों में पदक जीते हैं और इसमें भी काफी पदक की काफी उम्मीदें हैं."
कई ओलम्पिक कोटे कर सकते है हासिल
ओलम्पिक पदक विजेता ने साथ ही कहा, "इस विश्व चैम्पियनशिप में हमारे पास अधिक से अधिक ओलम्पिक कोटा हासिल करने का मौका है. पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की है और अगर वे शीर्ष-6 में भी रहते हैं तो हमें ओलम्पिक कोटा मिलेगा. इसके बाद उन्हें ओलम्पिक की तैयारियों के लिए अच्छा समय मिलेगा."