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सुशील कुमार से पहले ये खिलाड़ी भी खा चुके हैं जेल की हवा

दुखद है! लेकिन सच है... भारतीय खेलों के इतिहास में सुशील कुमार अकेले नहीं हैं जिनका नाम आपराधिक मामले में सामने आया है. उनकी हाल में हुई गिरफ्तारी और उसके बाद चली जांच के कारण अब तक कई गंभीर आरोप उन पर लग चुके हैं. ईटीवी भारत ने अतीत के पन्नों से उन पांच प्रमुख भारतीय खिलाड़ियों का नाम निकाले हैं, जो सुशील कुमार से पहले खेल के मैदान से पुलिस थाने तक का सफर तय कर चुके हैं.

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Published : May 28, 2021, 8:35 PM IST

खिलाड़ी
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हैदराबाद: 23 मई 2021, विश्व कुश्ती दिवस के दिन जब देश भारतीय कुश्ती के बड़े नामों को याद कर रहा था. उसी दिन देश के लिए दो बार ओलंपिक पदक जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी को पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया. नाम है सुशील कुमार, जो आज तक अपने खेल और देश का नाम बुलंदी पर पहुंचाने के लिए कईयों के नायक थे लेकिन पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप लगने के बाद उनकी पूरा करियर, नाम और शोहरत सब कुछ कटघरे में खड़ा है.

करीब 3 हफ्ते तक फरार थे सुशील कुमार

4 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या हुई, आरोप कईयों पर लगे लेकिन सबसे चौंकाने वाला नाम सुशील कुमार का था. उनकी इमेज तब और सवालों में आ गई जब लगभग 3 हफ्ते तक वो फरार रहे. इस दौरान वो पुलिस उन्हें ढूंढती रही और वो पुलिस को चकमा देते रहे. कोर्ट ने गैर जमानती वारंट और दिल्ली पुलिस ने 1 लाख का इनाम तक घोषित कर दिया था. 4 मई की वारदात के 18 दिन बाद पुलिस ने सुशील कुमार को गिरफ्तार किया. पहलवानों के लिए रोल मॉडल रहे सुशील कुमार फिलहाल दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है. रेलवे ने नौकरी से सस्पेंड कर दिया है और करियर दांव पर है. मामले में भले जांच चल रही है लेकिन देश के सबसे बड़े खिलाड़ी पर इल्जाम इतने संगीन है कि जो कभी देश का हीरो था उसका सब कुछ आज धूल में मिलने को है.

सुशील कुमार

वैसे सुशील कुमार देश के इकलौते खिलाड़ी नहीं है जिन्हें पुलिस ने किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया है. इससे पहले भी कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो नाम और शोहरत की बुलंदियों से सलाखों के पीछे तक पहुंच चुके हैं. इनमें दो खिलाड़ी ऐसे हैं जिनपर हत्या का आरोप लग चुका है तो एक खिलाड़ी पर यौन शोषण का आरोप लगा है जबकि एक खिलाड़ी पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा है तो एक खिलाड़ी ऐसा है जिसपर पुलिस में रहते हुए रिश्वत लेने और मारपीट का आरोप लगा है.

नवजोत सिंह सिद्धू, क्रिकेटर

भारत के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भारत में एक जाना-माना नाम हैं. वो मैदान पर जितना अपने स्ट्रोक प्ले के लिए सुर्खियां बटोरते रहे उतना ही अब मंच पर अपनी शायरी और बयानों से सुर्खियां बटोरते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू पर भी हत्या का एक आरोप लगा था.

नवजोत सिंह सिद्धू

मामला पंजाब के पटियाला का है जहां 27 दिसंबर 1988 का है जब नवजोत सिद्धू अपने एक दोस्त के साथ अपनी कार में बैठे हुए थे. इस दौरान मामूली कहासुनी के बाद एक कार चालक गुरनाम सिंह से उन दोनों की बहस होने लगी और बात हाथापाई तक पहुंच गई. गुरनाम सिंह के सिर पर चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां गुरनाम की मौत हो गई. सिद्धू और उनके दोस्त पर हत्या का आरोप लगा लेकिन 1999 में ट्रायल कोर्ट ने दोनों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. 2002 में मामला हाईकोर्ट पहुंचा. साल 2006 में उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया और 3 साल की सजा सुनाई गई. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जहां उन्हें गैर इरादतन हत्या के आरोप से भी बरी कर दिया गया, हालांकि गुरनाम सिंह को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया.

दीपक पहल, बॉक्सर

दीपक पहल जब बॉक्सिंग रिंग में उतरता था तो किसी भी विरोधी के पास उसके पंच का जवाब नहीं होता था. सोनीपत के रहने वाला दीपक जूनियर नेशनल चैंपियन बना लेकिन प्रतिभा के धनी इस बॉक्सर पर जब साथी बॉक्सर से बहस और फिर मारपीट के आरोप में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के छात्रावास से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद दीपक अपने रास्ते ऐसे भटका कि उसे पुलिस हवालात तक पहुंचा दिया. दीपक पहल की मुलाकार गैंगस्टर गोगी से हुई. साल 2016 में गैंगस्टर गोगी जब जेल से फरार हुआ तो उसकी मदद करने वालों में दीपक का नाम भी शुमार था. पहले गिरफ्तारी और फिर जमानत होने के बाद दीपक जुर्म की गलियों में पहुंच गया. फिलहाल दीपक पर हत्या के मामले भी दर्ज हैं. 2011 में जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाला बॉक्सर आज पुलिस की फाइलों में मोस्ट वांटेड है.

दीपक पहल

एस श्रीसंत, पूर्व क्रिकेटर

2007 टी20 विश्वकप का भारत-पाक फाइनल मैच शायद ही कोई भूला होगा. खासकर क्रीज पर मौजूद पाकिस्तान टीम के कप्तान मिस्बाह-उल-हक का वो कैच, जिसे श्रीसंत ने लपककर टीम इंडिया को चैंपियन बनाया था. लेकिन इस खिलाड़ी का करियर इस कैच के 5 साल बाद ही जैसे खत्म हो गया. वजह चोट या प्रदर्शन नहीं वो गुनाह था जिसे खेल की दुनिया में स्पॉट फिक्सिंग कहते हैं.

श्रीसंत

2012 में हुए चौकाने वाले आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में श्रीसंत को गिरफ्तार किया गया था. जो उस समय राजस्थान रॉयल्स टीम से खेल रहे थे. पांच दिन की न्यायिक हिरासत के दौरान श्रीसंत ने अपना अपराध स्वीकार किया. जिसके बाद श्रीसंत का करियर अर्श से फर्श पर आ गया. श्रीसंत के क्रिकेट खेलने पर बैन लगा दिया गया. हालांकि, इस कांड के दो साल बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने क्रिकेटर के खिलाफ आरोपो को खारिज कर दिया था. 2018 में, BCCI ने प्रतिबंध हटाने और उन्हें इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने की अनुमति देने की श्रीसंत की याचिका को ठुकरा दिया था. 2020 में, BCCI ने उनके प्रतिबंध को घटाकर सात साल कर दिया, जिससे अंततः क्रिकेट से उनका प्रतिबंध समाप्त हो गया. इस साल की शुरुआत में, श्रीसंत ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में केरल का प्रतिनिधित्व करते हुए पेशेवर क्रिकेट में वापसी की थी. श्रीसंत 2011 में वनडे वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का हिस्सा भी थे.

तनवीर हुसैन, स्नोशू प्रतियोगी

2017 में कश्मीर के स्नोशू रेसर तनवीर हुसैन को एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में संयुक्त राज्य अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था. हुसैन वर्ल्ड स्नोशू चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए साथी एथलीट आबिद हुसैन खान के साथ न्यूयॉर्क गए थे. ये घटना उस दौरान हुई थी. 29 वर्षीय खिलाड़ी को यौन शोषण मामले के पहले दर्जे का अपराधी मानकर और गिरफ्तार किया गया था.

तनवीर हुसैन

जय भगवान, बॉक्सर

दो बार के एशियाई चैम्पियनशिप पदक और अर्जुन पुरस्कार विजेता जय भगवान, जो हरियाणा पुलिस में एक निरीक्षक थे उनको एक होटल प्रबंधक के साथ मारपीट करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. 2015 में, भगवान को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोपों के बाद भी निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने हरियाणा के हिसार जिले में अगस्त में गिरफ्तार किए गए तीन जुआरियों से रिश्वत ली थी. गिरफ्तार किए गए जुआरियों में से एक ने जय भगवान के खिलाफ शिकायत करते हुए पुलिस से संपर्क किया था.

जयभगवान

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