चंडीगढ़: पंजाब के युवा जहां 90 के दशक में काले दौर, फिर चिता और अब गैंगस्टरवाद का शिकार हुए, वहीं अब पंजाब के लड़के खेलों की ओर बढ़ रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण हैं लुधियाना के सुल्तान सिंह, जिन्होंने CWE में हैवीवेट का खिताब जीता और ग्रेट खली के बाद पहली बेल्ट लेकर आए. उन्होंने यह खिताब पिछले शनिवार को जीता है, उन्होंने यह खिताब हरियाणा के करनाल में आयोजित प्रतियोगिता में राजस्थान के बाबा पहलवान को हराकर जीता है. उन्होंने कुल 12 मैचों में से 8 में जीत हासिल की. उन्होंने रॉयल रंबल में 14 रेसलर्स में से बाजी मारी है.
ग्रेट खली का शिष्य
सुल्तान ग्रेट खली का शिष्य रहा है और उसने लुधियाना के अपू जिम में प्रशिक्षण लिया है. उन्होंने जालंधर खली अकादमी से कुश्ती का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. जिसके बाद कड़ी मेहनत के दम पर उनका चयन CWE में हो गया. राजस्थान के बाबा पहलवान ने पंजाब के पहलवानों को खूब छकाया था और उनके पास हैवी वेट की बेल्ट थी, जिसे हराकर अब सुल्तान ने यह बेल्ट जीतकर पंजाब का नाम रोशन किया है. उन्होंने जापान, सिंगापुर, थाईलैंड और कई अन्य विदेशी देशों में कुश्ती मैच खेले.
जेल और संघर्ष
सुल्तान के चैंपियन बनने का सफर सामान्य नहीं रहा, उन्होंने 8 महीने जेल में बिताए हैं. उसके पास से 307 का पर्चा मिला. जिसके बाद उन्हें जेल हो गई, उनका नाम गैंगस्टर्स के साथ जुड़ने लगा, वह गलत रास्ते पर जाने से बचे और आज इस मुकाम तक पहुंच सके. सुल्तान ने एक सुरक्षा गार्ड के रूप में भी काम किया, यहां तक कि जब वह सिंगापुर गए, तो एक मैच खेलने के बाद उनके पास 10 डॉलर बचे थे. उनके पास घर जाने का किराया भी नहीं था, इसलिए उन्होंने एक होटल में वेटर के रूप में काम करके पैसे कमाए और व्यंजन पकाना.