नूर-सुल्तान (कजाकिस्तान): बजरंग 65 किलोग्राम भारवर्ग में दुनिया के नंबर-1 पहलवान हैं. उन्हें विश्व चैम्पियनशिप में पहली सीड भी मिली है. टोक्यो ओलम्पिक के लिए पदक के सबसे बड़े दावेदार बजरंग ने पिछली बार विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था और इस बार न केवल वह अपने पदक का रंग बदलना चाहेंगे बल्कि अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक में भी क्वालीफाई करना चाहेंगे. बता दे विश्व चैम्पियनशिप, टोक्यो ओलम्पिक के लिए एक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी है.
बजरंग इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 2013 में 60 किग्रा में कांस्य पदक जीतने के पांच साल बाद 65 किग्रा में खेलने लगे हैं. बजरंग की नजरें अब इस विश्व चैम्पियनशिप में सुशील कुमार के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बनने पर है. सुशील ने 2010 में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था.
बजरंग का हालिया फॉर्म भी बेहतरीन हैं, उन्होंने यासर डोगू में स्वर्ण अपने नाम किया है. इससे पहले वे एशियाई चैम्पियनशिप, डेन कोलोव में भी जीत दर्ज कर चुके हैं.
पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में भाग ले रही है विनेश
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए उतर रही है. विश्व रैंकिंग में छठे नंबर की पहलवान विनेश 53 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रही हैं. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में लगातार तीन टूर्नामेंटों में स्वर्ण पदक जीते हैं. विश्व चैम्पियनशिप में अभी तक भारत की किसी भी महिला पहलवान ने अपने गले में सोने का तमगा नहीं डाला और विनेश से उम्मीद है कि वह इस सूखे को खत्म कर सकेंगी.
सीमा से भी होगी उम्मीदें
50 किलोग्राम भारवर्ग में सीमा से भी सबको पदक की उम्मीद है. यसार डोगु 2019 रैंकिंग सीरीज में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह रैंकिंग में तीसरे नंबर पर पहुंच चुकी हैं और इस चैम्पियनशिप में उन्हें दूसरी सीड मिली है.
सुशील कुमार 8 साल बाद इस टूर्नामेंट में कर रहे है वापसी