नई दिल्ली : अनुभवी मुक्केबाज मोहम्मद हुसामुद्दीन को जब 2023 विश्व चैंपियनशिप के लिए चुना गया तो कई लोग हैरान थे कि वह पहली बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं. एक दशक से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चुनौती पेश करने वाले 29 वर्षीय हुसामुद्दीन अतीत में कई बार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से चूक गए लेकिन इस बार उन्होंने मौके का फायदा उठाया और ताशकंद से कांस्य पदक लेकर लौटे. अगर घुटने की चोट के कारण वह सेमीफाइनल मुकाबले से एक घंटे पहले प्रतियोगिता से हटने के लिए मजबूर नहीं होते तो उनके पदक का रंग बदल सकता था.
पिछले 10 महीने में हुसामुद्दीन ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई चैंपियनशिप और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक की हैट्रिक बनाई है और 57 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय खिताब भी जीता. निजामाबाद के मुक्केबाज ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी बेटी के जन्म को दिया है. हुसामुद्दीन ने मंगलवार को पीटीआई से कहा कि मेरी बेटी का जन्म राष्ट्रमंडल खेलों से ठीक पहले हुआ था जब हम बेलफास्ट में ट्रेनिंग कर रहे थे. उस वक्त सिर्फ मुझे पता था कि वह मेरे लिए भाग्य लेकर आएगी.