चंडीगढ़:पंजाब सरकार के दावों की पोल उस वक्त खुल गई, जब शतरंज की चैम्पियन प्लेयर और दिव्यांग (मूक-बधिर) मलिका हांडा ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली. मलिका हांडा ने प्रदेश सरकार पर खिलाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है.
उनका कहना है कि वो लगातार सरकार पर सरकारी नौकरी और घोषित ईनाम के लिए गुहार लगा रही हैं, लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगे रही है. मलिका ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की पंजाब सरकार ने पिछले पांच साल से मेरा मजाक ही बनाया. मलिका, शतरंज में सात बार नेशनल चैम्पियनशिप जीती हैं. उन्होंने इसके अलावा कई इंटरनेशनल चैम्पियनशिप भी जीती हैं.
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मलिका ने रविवार (2 जनवरी) को एक ट्विट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- मुझे बहुत दुख पहुंचा है. मैं 31 दिसंबर 2021 को पंजाब के स्पोर्ट्स मिनिस्टर से मिली थी. अब वे कह रहे हैं कि पंजाब सरकार कोई सरकारी नौकरी या नगदी ईनाम नहीं दे सकती, क्योंकि उनके पास मूक-बधिर खिलाड़ियों के लिए कोई पॉलिसी ही नहीं है. इससे पहले वाले स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने मुझे नगदी ईनाम देने की घोषणा की थी.
मैंने इसके लिए एक पत्र भी लिखा था. उन्होंने मुझे इसके बाद निमंत्रण भी भेजा था, लेकिन कोरोना के चलते यह रद्द कर दिया गया. यही सब कुछ मौजूदा स्पोर्ट्स मिनिस्टर परगत सिंह के समय भी हो रहा है. उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि यह घोषणा पूर्व मंत्री ने की थी, मैंने या सरकार ने नहीं.
मैं सिर्फ यही कहना चाहती हूं कि फिर घोषणा क्यों की थी. कांग्रेस सरकार में मेरे पांच साल बर्बाद हुए हैं, उन्होंने मेरा मजाक बनाया है. उन्होंने मूक-बधिर खिलाड़ियों की कोई देखभाल नहीं की. जिला कांग्रेस ने भी मुझे हर बार सपोर्ट का आश्वासन दिया, लेकिन पांच सालों में कुछ नहीं हुआ. क्यों-क्यों पंजाब सरकार यह सब कर रही है?
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इससे पहले भी मलिका ने कई बार सरकार से गुहार लगाई
मलिका हांडा ने कई बार सरकार और लोगों के सामने गुहार लगाई, लेकिन अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी. एक बार फिर उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर कर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है. इससे पहले भी मलिका ने कई सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सरकार को चीजें याद दिलाईं, लेकिन अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है.