हैदराबाद:महिलाएं आज घर के काम करने से लेकर हर क्षेत्र में भी अपनी अहम भागीदारी निभा रही हैं. इस आधुनिक युग में महिलाएं अपने सारे बंधनों को तोड़कर पुरुषों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ रही हैं.
शिक्षा की बदौलत भारतीय महिलाओं ने साहित्य, विज्ञान, चिकित्सा और खेल में अपनी अलग-अलग पहचान बनाई हैं. वहीं बात अगर खेल के क्षेत्र को लेकर करें तो भारत की महिला खिलाड़ियों ने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है. वह आज घरेलू खेलों से आगे बढ़कर दुनिया भर में पुरुषों के वर्चस्व को चुनौती दे रही हैं. वह हर खेल में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं.
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सीमित संसाधनों का रोना-रोने के बजाय अपनी मेहनत और संघर्ष से उन सभी चुनौतियों को पार कर रही हैं, जो उनके रास्ते में बाधा बनकर खड़ी हो रही हैं. आज हम आपको खेल जगत की उन दिग्गज महिला खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने न केवल भारत में एक रोल मॉडल की भूमिका निभाई है. बल्कि पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन भी किया है.
मिताली राज (क्रिकेटर)
मिताली दोराई राज, जिन्हें भारत की सबसे महान महिला बल्लेबाज के रूप में भी जाना जाता है. मिताली राज राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका करियर लगभग दो दशक लंबा है और बीच में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. 39 साल की बल्लेबाज भारत की एकमात्र ऐसी कप्तान हैं, जिन्होंने टीम को 50 ओवर के दो विश्व कप फाइनल में पहुंचाया है.
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मिताली राज, महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाली और महिला एकदिवसीय मैचों में सात हजार रन का आंकड़ा पार करने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर हैं. राज वनडे में लगातार सात अर्धशतक बनाने वाली पहली खिलाड़ी भी हैं.
बता दें, जून 2018 में महिला टी-20 एशिया कप 2018 के दौरान वह T-20I में दो हजार रन बनाने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनीं और 2 हजार WT-20I रन तक पहुंचने वाली पहली महिला क्रिकेटर भी बनीं. सितंबर 2019 में, राज 50 ओवर के प्रारूप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए T-20I क्रिकेट से बाहर हो गईं. मिताली राज को भारत सरकार द्वारा साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2015 में पद्म श्री और साल 2017 में विजडन लीडिंग वुमन क्रिकेटर इन द वर्ल्ड और 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया है.
पीवी सिंधु (भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी)
पुसरला वेंकट सिंधु को पीवी सिंधु के नाम से भी जाना जाता है. वह अब तक की सबसे बेहतरीन भारतीय एथलीटों में से एक हैं. सिंधु ने ओलंपिक सहित कई आयोजनों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया है. वह बैडमिंटन विश्व चैंपियन बनने वाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं और ओलंपिक खेलों में लगातार दो पदक जीतने वाली भारत की दूसरी व्यक्तिगत एथलीट हैं.
शटलर पीवी सिंधु ने साल 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और 2018 एशियाई खेलों में एक-एक रजत पदक और उबेर कप में दो कांस्य पदक भी जीते हैं. सिंधु को पूर्व में अर्जुन पुरस्कार और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है. वहीं, उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा जा चुका है.
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मैरी कॉम (बॉक्सर)
जीतने के अपने अथक अभियान के साथ, मैरी कॉम को भारतीय मुक्केबाजी के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने में बहुत कम समय लगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उन्होंने साल 2001 में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर अपने आगमन की शुरुआत की. मैरी कॉम ने इसके बाद साल 2002 में स्वर्ण पदक जीता.