नई दिल्ली: वेटलिफ्टिंग के सबसे ज्यादा 41 पॉजिटिव डोप मामले वर्ष 2018-19 में दर्ज हुए जबकि एथलेटिक्स के सबसे ज्यादा 18 खिलाड़ी उन 187 खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने डोप टेस्ट से कन्नी काटी.
राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी द्वारा बुधवार को जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार बॉडीबिल्डिंग के 60 प्रतिशत पॉजिटिव मामले रहे लेकिन ओलंपिक खेलों में भारोत्तोलन की दशा सबसे खराब रही.
पावरलिफ्टिंग में 13 और कबड्डी में पांच खिलाड़ी डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए.
कुश्ती (छह), जूडो(पांच), साइकिलिंग (तीन), तीरंदाजी (दो), मुक्केबाजी (दो), निशानेबाजी (दो), टेनिस (दो), गोल्फ (दो) जबकि हॉकी, तैराकी और फुटबॉल (एक-एक) के खिलाड़ी डोप टेस्ट में नाकाम रहे.
नाडा ने इस साल 357 भारोत्तोलकों के नमूनों की जांच की जिनमें 225 प्रतिस्पर्धा में और 132 इसके बाहर लिए गए. वहीं ट्रैक और फील्ड में 1020 नमूने लिए गए. बॉडीबिल्डिंग में 135 नमूनों में से 60 पॉजिटिव रहे.