नई दिल्ली: विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 63 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले मनीष कौशिक ने कहा है कि वह पदक जीतने की उम्मीद के साथ ही चैंपियनशिप में गए थे.
23 वर्षीय कौशिक ने कहा कि अब उनका पूरा ध्यान अगले साल चीन में होने वाले एशिया/ओसेनिया जोन पर लगी है, जो कि ओलंपिक क्वालीफायर्स है.
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने इससे पहले कहा था कि विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले मुक्केबाजों को एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए ट्रायल्स नहीं देना होगा.
कौशिक ने मीडिया से कहा, "इससे पहले ट्रायल्स में जाने की बात की गई थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. इसलिए अब मैं अपना पूरा ध्यान क्वालीफायर्स पर लगाऊंगा. हम पहले अपने विपक्षी प्रतिद्वंद्वी का मूल्यांकन करेंगे और फिर उसी के अनुसार रणनीति बनाएंगे."
कौशिक को विश्व चैम्पियन क्यूबा के एंडी क्रूज गोमेज ने 0-5 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
उन्होंने कहा, "मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ खेला लेकिन कुछ कमियां रह गईं जिसके कारण मुझे हार मिली. मैं इन कमियों पर काम करूंगा और कोशिश करूंगा कि एशिया ओसनिया क्वालीफायर्स में अपने देश के लिए ओलम्पिक कोटा हासिल करूं."
कौशिक ने कहा, "वह मुझसे तेज था. मुकाबले के बाद जब मैंने कोच से बात की तो उन्होंने मुझसे कहा कि अपनी ताकत पर काम करने की जरूरत है और अपना वजन बढ़ाने पर जोर देना होगा."
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उन्होंने कहा कि विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा है और वह इसी बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ ओलंपिक क्वालीफायर्स में उतरेंगे.
कौशिक ने कहा, "पूरी दुनिया के मुक्केबाज इसमें भाग लेते हैं, इसलिए मेरे लिए इसमें पदक जीतना काफी अच्छा रहा। अब मैं ओलंपिक के लिए भी ऐसी कोशिश करूंगा."
भारतीय मुक्केबाज ने कहा, "मैं इस बात से काफी खुश हूं कि मैं पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहा था और पदक जीतने में सफल रहा। यह अनुभव मेरे बहुत काम आएगा."