हैदराबाद:उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मीरगंज के अदारी डभिया गांव निवासी मैराथन धावक सभाजीत यादव के पुत्र रोहित यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उन्हें यह प्रतिभा विरासत में मिली है. वह पांच साल से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जौहर दिखा रहे हैं. ये उस समय सुर्खियों में आए थे, जब साल 2017 में विश्व स्कूल गेम चैंपियनशिप में तुर्की में स्वर्ण पदक जीता था.
बता दें, रोहित ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा के साथ दक्षिण अफ्रीका में रजत पदक भी जीत चुके हैं. तमिलनाडु के चेन्नई में 10 से 14 जून तक खेली गई 61वीं नेशनल इंटर स्टेट चैंपियनशिप में 82.54 मीटर भाला फेंककर रजत पदक जीता था. वह कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण व रजत पदक जीत चुके हैं. उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें खेल दिवस पर सम्मानित भी कर चुकी है.
ओरेगॉन में चल रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की भाला फेंक फाइनल के लिए क्वॉलीफाई करने वाले रोहित यादव ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के बाद खेल में भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं. नीरज इससे पहले 88.39 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वॉलीफाई कर चुके थे. नीरज को दोस्त कहने वाले रोहित ने 21 जुलाई (गुरुवार) को विश्व चैंपियनशिप में पदार्पण करने से पहले आठ बार 80 मीटर से अधिक फेंका है. वह दुनिया में 28वें स्थान पर हैं और अपनी रैंकिंग के कारण ही उसने विश्व के लिए क्वॉलीफाई किया था.