कोलकाता:पश्चिम बंगाल के पर्वतारोही सत्यरूप सिद्धांत उत्तरी ध्रुव की यात्रा 31 मार्च से कोलकाता से शुरू करेंगे. पिछले पांच वर्षों से, विभिन्न कारणों से कोई भी इस उत्तरी ध्रुव अभियान पर नहीं जा सका. इन पांच वर्षों के दौरान भी सत्यरूप सिद्धांत ने उत्तरी ध्रुव अभियान पर जाने का प्रयास भी किया लेकिन कई कारणों के चलते नहीं जा सके. इसलिए इस साल फिर से वह उसी के लिए प्रयास कर रहे हैं.
हालांकि, अगर वह इस साल अभियान को सफलतापूर्वक पूरा पाते हैं तो एक्सप्लोरर्स ग्रैंड स्लैम और थ्री पोल चैलेंज (नॉर्थ पोल, साउथ पोल और माउंट एवरेस्ट) खिताब जीतने के लिए आगे बढ़ेंगे. सत्यरूप का कहना है कि 2019 में जब उन्होंने उत्तरी ध्रुव की यात्रा शुरू की, तो रूस और यूक्रेन के बीच राजनीतिक जटिलताएं पैदा हुईं, इसलिए अभियान रद्द कर दिया गया. 2020 और 2021 में कोविड के कारण कोई अभियान नहीं हुआ. 2022 में रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण यात्रा टालनी पड़ी. अब इस साल उन्हें उत्तरी ध्रुव पर जाने की उम्मीद है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अभियानों के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है, लेकिन राज्य में जहां लोग फुटबॉल या क्रिकेट के लिए पागल हैं, वहीं पर्वतारोहण जैसे अन्य खेलों के लिए अभी भी कोई उत्साह नहीं है. उन्होंने बताया कि ना तो उन्हें राज्य और ना ही केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध हुई है. वहीं, उन्होंने उत्तरी ध्रुव अभियान के बारे में कई रोचक पहलुओं को शेयर किए हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि साल में एक समय उत्तरी ध्रुव पर पानी होता है और ठंड के मौसम में यह जम जाता है. वह बर्फ के ब्लॉक या ग्लेशियर में बदल जाता है. इसलिए कम्पास को ठीक से समायोजित किया जाना बहुत जरूरी है. नहीं तो कम्पास बिंदू आपको उल्टी दिशा या और भी पीछे धकेल सकता है.
उन्होंने बताया कि अभियान नॉर्वे में स्थित एक रूसी कंपनी द्वारा आयोजित किया जाता है. इसलिए संगठन उन देशों के यात्रियों का स्वागत करता है जो यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का समर्थन करते हैं. कुछ ही दिन बचे हैं इसलिए यह सही फैसला है कि क्या वह इस साल उत्तरी ध्रुव अभियान पूरा कर सकते हैं.