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Published : Sep 19, 2022, 6:42 PM IST

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सोशल मीडिया पर हुई आलोचना से आहत विनेश ने कहा- हम खिलाड़ी हैं, रोबोट नहीं

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में लिखा, खिलाड़ी भी इंसान होते हैं. खिलाड़ी होने का यह मतलब नहीं कि हम किसी भी टूर्नामेंट में रोबोट की तरह काम करें.

Vinesh on social media criticism  We are athletes not robots  Vinesh Phogat  सोशल मीडिया पर विनेश की आलोचना  हम एथलीट हैं रोबोट नहीं  विनेश फोगाट
Vinesh Phogat

नई दिल्ली:विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने के बाद सोशल मीडिया पर हुई आलोचना को निराशाजनक करार देते हुए भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि 'खिलाड़ी रोबोट नहीं होते हैं'. विनेश ने इसके साथ ही साथी खिलाड़ियों से मेहनत जारी रखने को कहा ताकि इस तरह की आलोचना की संस्कृति को खत्म किया जा सके. विनेश ने बेलग्रेड में पिछले सप्ताह 53 किग्रा भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता. उन्होंने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया. वह ऐसा करने वाली देश की पहली महिला पहलवान हैं.

विनेश फोगाट क्वालीफिकेशन दौर में मंगोलिया की खुलान बटखुयाग से जिस तरह से 0-7 की हारीं उसकी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई. हालांकि उन्होंने शानदार वापसी करते हुए रेपेचेज में दो दौर के बाद ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले को बिना अंक गंवाए अपने नाम किया. यह 28 साल की खिलाड़ी हालांकि सोशल मीडिया पर हुई आलोचना से काफी आहत है. उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में लिखा, खिलाड़ी भी इंसान होते हैं. खिलाड़ी होने का यह मतलब नहीं कि हम किसी भी टूर्नामेंट में रोबोट की तरह काम करें. मुझे यह नहीं पता कि यह संस्कृति सिर्फ भारत में ही है या और जगह भी है. जहां लोग घर में बैठकर ही विशेषज्ञ बन जाते हैं.

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उन्होंने लिखा, व्यक्ति पेशेवर हो या नहीं उसने अपने सफर में कई कठिनाइयों, संघर्षों और चुनौतियों का सामना किया होता है. वे टिप्पणी नहीं करते, आलोचना करते है. वह आलोचना करते समय खुद को पेशेवर करियर के विशेषज्ञ समझने लगते है. विनेश ने एथलीटों की लगातार आलोचना पर सवाल उठाते हुए कहा, हम एथलीट के रूप में हर चीज के लिए जवाबदेह क्यों हैं. एथलीटों को समर्थन और प्रोत्साहन के बजाय उसके प्रशिक्षण को लेकर टिप्पणियों का सामना क्यों करना पड़ता है.

उन्होंने कहा, यह बहुत हतोत्साहित करने वाला होता है जब लोग यह मान लेते हैं कि वे इस पर टिप्पणी कर सकते हैं कि एथलीटों को अपना करियर कब समाप्त करना चाहिए, कब खेलना चाहिए और कब नहीं खेलना चाहिए. उन्होंने लिखा, एक जीत का मतलब हमेशा यह नहीं होता है कि एक एथलीट ने कुछ अतिरिक्त असाधारण किया है और हार का मतलब यह नहीं है कि एथलीट ने उस खेल के दौरान कोशिश नहीं की है. जीत और हार हर एथलीट की यात्रा का एक हिस्सा है और एथलीट हर बार कड़ी मेहनत करते हैं.

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विनेश कहा कि आलोचकों को खिलाड़ियों के प्रयासों और संसाधनों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. उन्होंने कहा, ‘‘इन चीजों पर टिप्पणी करना बहुत आसान है क्योंकि उनके लिए यह मैच देखने जीवन के सिर्फ एक दिन के बारे है. उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि उस समय खिलाड़ी की मानसिक स्थिति, खासकर मुश्किल समय में कैसी है. उन्होंने कहा, सोशल मीडिया प्रशंसकों और समर्थकों से जुड़ने का शानदार मंच रहा है लेकिन अब इसका इस्तेमाल नकारात्मक आलोचनाओं को फैलाने के लिए हो रहा है.

विनेश ने साथी भारतीय एथलीटों को सपने देखते रहने और कड़ी मेहनत करने के लिए कहा और उम्मीद जताई कि अनावश्यक आलोचना समाप्त हो जाएगी. उन्होंने लिखा, यहां मेरे सभी साथी एथलीटों के लिए है, जो एक कठिन यात्रा के माध्यम से खुद को बार-बार साबित करते है और लोगों से डरे बिना अपने सपने के प्रति हौसला दिखाने का साहस रखते हैं. उन्होंने कहा, मेरे प्रिय एथलीटों, हम सब एक ही जगह पर हैं और हमारी यात्रा एक जैसी है. उम्मीद है हम अपने निरंतर प्रयासों, साहस और समर्पण के साथ किसी दिन इस संस्कृति को बदलने की कोशिश करेंगे.

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