नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता के बीच संगठन की आधिकारिक ईमेल आईडी और वेबसाइट के इस्तेमाल को लेकर बुधवार को वाकयुद्ध छिड़ गया.
दोनों के बीच पहले भी कई मुद्दे को लेकर विवाद रहा है.
बत्रा ने दिन में एक बयान जारी किया कि उन्हें आईओए की आधिकारिक ईमेल आईडी और वेबसाइट को बदलने के लिए 31 कार्यकारी परिषद (EC) सदस्यों में से अधिकांश की मंजूरी मिल गई है.
उन्होंने कहा, "IOA की आधिकारिक ईमेल आईडी तत्काल प्रभाव से केवल IOA2022official@gmail.com होगी और IOA का पुराना आधिकारिक ईमेल IOA@olympic.india.in पर तत्काल प्रभाव से अमान्य हो जाएगा."
उन्होंने कहा, "सचिव के द्वारा पासवर्ड बदलने और IOA कर्मचारियों के साथ उसे साझा नहीं करने के बाद उस पर भेजे गए सभी ईमेल को अमान्य माना जाएगा और इसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होगी."
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बत्रा ने कहा, "IOA के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक नई वेबसाइट बनाई जाएगी और वो IOA की एकमात्र आधिकारिक वेबसाइट होगी. IOA की वर्तमान वेबसाइट तुरंत अमान्य हो जाएगी."
उन्होंने कहा कि उन्हें EC के 31 सदस्यों में से 18 की मंजूरी मिल गई है और इसलिए यह 'तुरंत प्रभावी' हो गया है.
इसके कुछ घंटों के बाद, IOA के जनरल सेक्रेट्री राजीव मेहता ने यह कहते हुए पलटवार किया कि प्रस्ताव 'गैरकानूनी' था क्योंकि EC का कार्यकाल '14 दिसंबर, 2021 को पहले ही समाप्त हो चुका है'.
उन्होंने यहां तक कहा कि बत्रा का कृत्य 'सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और भारतीय दंड संहिता' के तहत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है.
उन्होंने यहां जारी बयान में कहा, "आपकी योजना/प्रस्ताव IOA के चुनाव से पहले अपने फायदे के लिए डेटा/सूचना में हेराफेरी करने के लिए पूरी प्रणाली को 'हाईजैक' करने का प्रयास है. ये बेईमानी है. ये गैरकानूनी है और इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को कैसे प्रस्तावित और पारित किया जा सकता है जब EC का कार्यकाल 14 दिसंबर 2021 को ही समाप्त हो चुका है."
उन्होंने कहा, "जब कोई EC है ही नहीं तो प्रस्ताव कैसे पारित हो सकता है."