नई दिल्ली: दीपक पुनिया ने बीते साल सितंबर में विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था. साथ ही बाएं टखने में उन्हें चोट भी लगी थी. इस साल जनवरी में वे रोम रैंकिंग सीरीज में माटेओ पेलीकोन में नॉक आउट हो गए थे, जिस कारण पेट में तकलीफ थी.
दीपक ने बीते साल जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का खिताब भी अपने नाम किया था और फिर अपनी पहली ही सीनियर चैम्पियनशिप में वे रजत पदक जीतने में सफल रहे थे. अगर चोट और पेट का दर्द उन्हें परेशान नहीं करता तो वे और बेहतर कर सकते थे.
20 साल के दीपक हालांकि इससे परेशान नहीं हैं. विश्व चैम्पियनशिप में किए गए प्रदर्शन के दम पर वे टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट कटा चुके हैं और इस टूर्नामेंट से पहले वो जो भी जीतते हैं वे उनके लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला बोनस होगा.
दीपक अगले सप्ताह से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियनशिप में भी हिस्सा ले रहे हैं. इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पर दीपक ने कहा कि वह प्रतिस्पर्धा के कारण इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
दीपक ने कहा, "मैं प्रतिस्पर्धा के लिए खेल रहा हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य स्वर्ण जीतना है. मैं इसके लिए जितनी तैयारी कर सकता हूं कर रहा हूं और बाकी देखते हैं क्या होता है."
दीपक पुनिया की उपलब्धियां दीपक इस समय बेलारूस के ओलम्पिक रजत पदक विजेता मुराद गाइडारोव के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हां, जाहिर सी बात है मैंने उनके साथ रूस में अभ्यास किया था. वे काफी सारे बदलाव कर रहे हैं, खासकर एशियाई चैम्पियनशिप के लिए, लेकिन हमारा मुख्य ध्यान ओलम्पिक पर है."
एशियाई चैम्पियनशिप को लेकर उन्होंने कहा, "मैं रणनीति इस बात पर निर्भर रहेगी कि मैं मुकाबले में किस तरह से खेल रहा हूं. मैं स्थिति को लेकर सही तरह से प्रतिक्रिया देने की कोशिश करूंगा. सभी पहलवान जो चैम्पियनशिप में आ रहे हैं वो ट्रायल्स और क्वालीफायर्स के जरिए आ रहे हैं. इसलिए मैं ये नहीं कह सकता कि कौन सा मुश्किल है."