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U-17 WC: 32 साल में पहली बार भारत ने ग्रीको रोमन में जीता गोल्ड, सूरज बने चैंपियन

इटली में भारत के 16 साल के पहलवान सूरज वशिष्ठ ने ग्रीको-रोमन अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है. 55 किलो ग्राम भार वर्ग में उन्होंने यह कामयाबी हासिल की है. सूरज हरियाणा में रोहतक जिले के रिठाल गांव के रहने वाले हैं.

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Published : Jul 28, 2022, 5:57 PM IST

हैदराबाद:भारत के युवा पहलवान सूरज वशिष्ठ ने अंडर-17 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में इतिहास रचा. उन्होंने रेसलिंग के 55 किलो ग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. सूरज ने फाइनल मैच में अजरबैजान के फराइम मुस्तफायेव को 11-0 से हराया. सूरज इस चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय ग्रीको रोमन पहलवान बन गए हैं. इससे पहले पप्पू यादव ने 32 साल पहले देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था.

बता दें, सूरज की अंडर-17 रेसलिंग चैम्पियनशिप में जीत ऐतिहासिक है. वे देश के लिए इस टूर्नामेंट में 32 साल बाद गोल्ड मेडल जीत कर लाए हैं. इससे पहले साल 1990 में पप्पू ने सोने पर कब्जा किया था. इस टूर्नामेंट में यह तीसरा गोल्ड रहा. पप्पू से पहले साल 1980 में विनोद कुमार ने भारत के लिए गोल्ड जीता था. अगर सूरज के मैच की बात करें तो उन्होंने बेहद आक्रामक शुरुआत की थी. इसके बाद वे पूरे मैच में अजरबैजान के पहलवान पर भारी रहे.

पहलवान सूरज की जीत पर कई लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने सूरज को सोशल मीडिया के जरिए बधाई दी. उन्होंने सूरज की फोटो ट्वीट की और लिखा, सूरज ने रचा इतिहास. 32 साल बाद देश को दिलाया U-17 विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक.

बताते चलें, ग्रीको रोम एक खास तरह की रेसलिंग है, जिसमें पहलवान को कमर से ऊपर ही अपने दाव चलने होते हैं. कोई भी पहलवान इस स्पर्धा में अपने प्रतिद्वंद्वी को कमर से नीचे नहीं पकड़ सकता और न ही वे अपने पैरों से अटैक कर सकते हैं और न ही डिफेंस.

यह एक ऐसा खेल है जिसमे, तेजी, जोश और ताकत का इस्तेमाल होता है. एक खिलाड़ी को लगातार अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होना होता है. इस रेसलिंग में कोई रेसलर ब्लॉक, होल्ड, थ्रो और टेकडाउन के तहत अंक बटोरते हैं.

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