सिचुएशन के हिसाब से बनाते हैं स्ट्रेटेजी जयपुर.पिंकसिटी में प्रो कबड्डी लीग का रोमांच चार साल के अंतराल के बाद शुक्रवार से एक बार फिर लोगों के सिर चढ़कर बोलेगा. जयपुर पिंक पैंथर शुक्रवार को पहले मुकाबले में होम ग्राउंड पर तेलगु टाइटंस से भिड़ेगी. इससे पहले जयपुर पिंक पैंथर के मालिक अभिषेक बच्चन, कोच संजीव बालियान और कप्तान संदीप गुरुवार को मीडिया से रू-ब-रू हुए. अभिषेक बच्चन ने कहा कि राजस्थान में अतिथियों का स्वागत सत्कार करने की परंपरा रही है, लेकिन वह खेल मैदान के बाहर तक ही है. मैदान में हम दिखा देंगे कि पिंक पैंथर्स के खिलाड़ी कितने मजबूत हैं.
अभिषेक बच्चन ने मीडिया से बातचीत में कहा, चार साल बाद जयपुर में वापसी करते हुए बड़ी खुशी हो रही है. जयपुर में पिंक पैंथर्स के प्रशंसकों से मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है. दस मुकाबलों में से छह में जीत दर्ज करने के सवाल पर अभिषेक बच्चन ने कहा कि हर मैच अलग होता है. हर एक मैच के लिए अलग से रणनीति बनानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि जो आपने पिछले पांच-छह मैच में किया है. उसका कोई मायने नहीं होते जब आप अलग मैच खेलने जा रहे हैं.
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सिचुएशन के हिसाब से बनाते हैं स्ट्रेटेजी:अभिषेक बच्चन बोले, हमारे कोच संजीव बालियान बहुत अनुभवी कोच हैं. मैच में जो स्थिति होती है. उसके हिसाब से स्ट्रेटेजी तय होती है. होम सपोर्ट का फायदा हमेशा मिलता है. जब हमारे खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे तो पिंक पैंथर्स के फैन उन्हें सपोर्ट करेंगे जिसका फायदा टीम को जरूर मिलेगा.
मैदान के बाहर सत्कार, मैच में दिखाएंगे दम:राजस्थान की अतिथि देवो भवः की परंपरा का जिक्र करते हुए अभिषेक बच्चन ने कहा, मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करने की राजस्थान की परंपरा रही है. हम बाकी टीमों के खिलाड़ियों का जयपुर में स्वागत करते हैं. लेकिन यह स्वागत सत्कार मैदान के बाहर होगा. मैदान में हम दिखा देंगे कि जयपुर पिंक पैंथर्स के खिलाड़ी कितने मजबूत हैं.
कल जयपुर पिंक पैंथर्स बनाम तेलुगु टाइटंस अमिताभ बच्चन ने सिखाए कबड्डी के पैंतरे: अभिषेक बच्चन ने अपना पुराना अनुभव बताते हुए कहा कि जब वे छोटे थे तो एक फिल्म में उनके पिता अमिताभ बच्चन का कबड्डी खेलते हुए का सीन था. फिल्म देखने के बाद उन्होंने अमिताभ से पूछा कि यह कौन सा खेल है. तब वे उन्हें बगीचे में ले गए और कबड्डी के पैंतरे सिखाए. उन्होंने कहा कि कबड्डी का शौक उन्हें अपने पिता से मिला है.
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दिल्ली में पढ़ाई के दौरान खेली कबड्डी:अभिषेक बच्चन बोले, इसके बाद वे जब दिल्ली में रहे तो एक साल स्कूल में कबड्डी खेली. हालांकि, बाद में बोर्डिंग स्कूल में दाखिला लेने के बाद उनका कबड्डी से नाता टूट गया. लेकिन, अब जयपुर पिंक पैंथर से जुड़ने से वह यादें फिर से ताजा हो गई हैं. कोशिश करता हूं कि इन खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करूं लेकिन हालत खराब हो जाती है.
सभी स्कूलों में सिखाई जाए कबड्डी: अभिषेक बच्चन ने यह भी कहा, मुझे लगता है कि कबड्डी खेलना एक बेहतरीन अनुभव होता है. इसमें एक अलग तरह का अनुभव होता है. इसमें हर चीज का मिश्रण है. वजन उठाना, ताकत, रफ्तार, जिम्नास्टिक. इन सब का अभ्यास कबड्डी के मैदान पर होता है. बाकि खेलों की जितनी भी गतिविधियां हैं. वो सब आकर कबड्डी में शामिल होती हैं. मैं तो यही चाहूंगा कि हमारी जितनी भी स्कूल हैं. उनमें भी कबड्डी को प्राथमिकता दी जाए और बाकी खेलों की तरह कबड्डी भी सिखाई जाए.
राम मंदिर को लेकर मन में उत्साह: राम मंदिर की 22 जनवरी को होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं तो बहुत उत्साहित हूं. यह देखने के लिए कि मंदिर कैसा बना है. उन्होंने कहा कि कल हमारा पहला मैच है तेलगु टाइटंस के साथ. तेलगु टाइटंस के कप्तान पवन शेरावत को मैं बधाई देना चाहता हूं. तेलगु के कोच हमारे कोच भी रहे हैं. उनसे परिवार का रिश्ता है. हम उम्मीद करेंगे की हमारी टीम अपना सौ फीसदी दे और मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे.