टोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2016 रियो ओलिंपिक के समापन समारोह में ‘सुपर मारियो’ के रूप में काफी लोकप्रिय हुए थे. वो अगले साल 23 जुलाई से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में शायद प्रधानमंत्री की हैसियत से शिरकत नहीं करेंगे. जापान में अब तक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले आबे ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से इस्तीफा दे दिया है.
उनकी तबीयत खराब होती जा रही है. रियो में आबे ने जिस खुशमिजाज तरीके से लोगो को टोक्यो ओलंपिक का निमंत्रण दिया था, वो पूरी दुनिया में प्रशंसकों के बीच काफी लोकप्रिय हुए था. कोविड-19 महामारी के कारण इस साल के लिए प्रस्तावित इन खेलों को इन खेलों को अगर टाला नहीं जाता तो आबे अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक के साथ इसके उद्घाटन समारोह में अति विशिष्ट लोगों के लिए बने स्थान पर बैठे होते.
टोक्यो के टेंपल विश्वविद्यालय में "जापान की राजनीति" विषय को पढ़ाने वाले जेफ किंगस्टन ने कहा, "मुझे लगता है कि इससे ज्यादा फर्क (आयोजन) नहीं पड़ेगा. उनके समर्थन से ओलंपिक को फायदा हुआ लेकिन अब स्थिति प्रधानमंत्री के नियंत्रण के बाहर है. उनके उत्तराधिकारी शायद इन खेलों की उतनी परवाह नहीं की करें, लेकिन अब ये आईओसी, टोक्यो आयोजन समिति और दुनिया भर के खेल संघों पर निर्भर करेगा."
टोक्यो ने 3.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 250 अरब रुपये की स्थानीय स्पॉन्सरशिप बेची है. यह पिछले किसी भी ओलिंपिक के मुकाबले दोगुनी रकम है. अब वो ब्रॉन्ड अपने पैसों का हिसाब मांगेगे. वो जानना चाहेंगे कि उन्हें उनके पैसे के बदले में क्या मिलेगा? रिफंड, नई डील या फिर नए अनुबंध?
टोक्यो में 33 खेलों के लिए 42 वेन्यू की योजना बनाई थी. पैरालिंपिक्स के लिए एक अतिरिक्त वेन्यू का भी प्लान किया गया था. अब यह साफ नहीं है कि अगले साल के लिए कितने वेन्यू उपलब्ध होंगे.