नई दिल्ली:भारतीय रेसलर सुशील कुमार ने 12 साल पहले आज ही के दिन (20 अगस्त 2020) बीजिंग ओलंपिक में अपना पहला ओलंपिक मेडल जीता था.
सुशील उस वक्त 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेसलिंग में खेला करते थे वहीं उनका दूसरा ओलंपिक मेडल भी 66 किलोग्राम वर्ग में बी आया थे. हालांकि अब सुशील 74 किलोग्राम वर्ग में खेलते.
बता दें कि 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील का सामना कजाकिस्तान के लियोनिद स्पिरिडोनोव से हुआ था जिसे उन्होंने 3-1 से हराकर ब्रॉंज मेडल जीता था.
बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉंज मेडल जीतने वो दूसरे खिलाड़ी बने थे जिन्होंने रेसलिंग में ओलंपिक में पदक जीता था. पहले सबसे ये कमाल खाशाबा दादासाहेब जाधव ने ओलंपिक में रेसिंग में मेडल जीता था.
सुशील कुमार का ओलंपिक, कॉमेनवेल्थ और वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल टैली
इस दिन को याद करते हुए सुशील ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, पदक ने भारतीय कुश्ती के साथ-साथ उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया.
सुशील ने ट्वीट करते हुए कहा, मैंने ओलंपिक में अपना पहला पदक जीता, पदक के लिए गर्व, पदक जिसने पूरी तरह से भारतीय कुश्ती के साथ-साथ मेरे जीवन को भी बदल दिया.
गौरतलब है कि सुशील ने इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता और दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले वो एकमात्र भारतीय खिलाड़ी (स्वतंत्रता के बाद) बन गए.
सुशील तीन बार राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और एक पूर्व विश्व कुश्ती चैंपियनशिप विजेता रह चुके हैं.