दुबई :टेनिस सानिया मिर्जा के जीवन का अहम पहलू है और रहेगा लेकिन इस दिग्गज खिलाड़ी का कहना है कि खेल को ही सब कुछ नहीं मानने से उन्हें हर बार कोर्ट पर कदम रखते हुए आक्रामक खेल दिखाने की आजादी मिली. खेल को अलविदा कहने जा रहीं सानिया ने कहा कि उनके दिल में हार का कभी डर नहीं था क्योंकि इससे खिलाड़ी रक्षात्मक हो जाता है. सानिया ने अपने युग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल तत्कालीन अमेरिकी ओपन चैंपियन स्वेतलाना कुज्नेत्सोवा, स्विस दिग्गज मार्टिना हिंगिस, नादिया पेत्रोवा और फ्लाविया पेनेटा के खिलाफ जीत हासिल की.
हालांकि वह एकल मुकाबलों में दिग्गज खिलाड़ियों सेरेना विलियम्स और वीनस विलियम्स से हारी लेकिन अमेरिकी बहनों के खिलाफ कड़ी चुनौती पेश की. सानिया ने ‘पीटीआई’ का दिए साक्षात्कार में कहा, जिस चीज ने मुझे इतना आक्रामक बनाया और वह मानसिकता असल में हारने का डर नहीं होना था. उन्होंने कहा, मेरे लिए टेनिस हमेशा से मेरे जीवन का एक बहुत, बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है लेकिन यह मेरा पूरा जीवन नहीं है. और यही वह मानसिकता है जिसके साथ मैं उतरी थी. सबसे बुरा यह हो सकता है कि आप एक टेनिस मैच हार सकते हैं और फिर वापस आकर पुनः प्रयास कर सकते हैं.
सानिया ने कहा, तो हारने का डर नहीं था. और मुझे लगता है कि बहुत से लोग रक्षात्मक हो जाते हैं क्योंकि उन्हें हारने का डर होता है. लंबे समय में यह एक शीर्ष खिलाड़ी बनने के लिए काम नहीं करता है. एक खिलाड़ी के रूप में आप अधिक से अधिक जीत दर्ज करने के लिए काम करते हैं लेकिन इस तरह की जोखिम वाली शैली आपको ऐसा नहीं करने देगी.
वह हमेशा मैच हारने के लिए तैयार रहती थी तो क्या हार का सानिया पर कोई असर पड़ा? उन्होंने कहा, नहीं, उसने मुझे प्रभावित किया. लेकिन मुझे पता था कि मैं अगले हफ्ते फिर से कोशिश कर सकती हूं. उन्होंने मुझे उस पल में प्रभावित किया, कुछ हार ने दूसरों की तुलना में अधिक. लेकिन मुझे हमेशा से पता था कि यह दुनिया का अंत नहीं था. यह सिर्फ एक टेनिस मैच हारना था.
तीन महिला युगल ग्रैंड स्लैम ट्रॉफियां और इतने ही मिश्रित युगल खिताब जीतने वाली सानिया ने वेस्टर्न ग्रिप के साथ शुरुआत की लेकिन कोचों की सलाह पर उन्होंने इसे सेमी वेस्टर्न ग्रिप में बदल दिया. यह ‘भारतीय’ कलाई थी जिसने उन्हें उन कठिन कोणों के साथ खेलने की अनुमति दी. लेकिन क्या यह भी उनके करियर के लिए खतरनाक कलाई की चोट का एक कारण था जिसने बाद में उन्हें एकल मुकाबले छोड़ने के लिए मजबूर किया?
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सानिया ने कहा, मैं वास्तव में नहीं जानती. मुझे नहीं पता कि क्या चोट वेस्टर्न ग्रिप के साथ भी लगती, क्या महाद्वीपीय ग्रिप के साथ ऐसा नहीं होता. मैं काल्पनिक स्थिति में नहीं आ सकती. मेरा मतलब है कि मेरी कलाई में चोट थी तो थी. आपको इससे निपटना होगा. कुछ लोगों का नजरिया है कि उन्होंने एकल को छोड़कर आसान रास्ता चुना. सानिया ने कहा, मैं इस पर प्रतिक्रिया नहीं करती, मुझे वास्तव में परवाह नहीं है कि लोग क्या कहते हैं.
युगल प्रारूप पर एकल को अधिक तवज्जो दी जाती है क्योंकि इसमें आपके खेल के सभी पहलुओं फिटनेस, मूवमेंट, मैदानी स्ट्रोक, सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता की परीक्षा होती है. युगल में सजगता और प्रतिक्रिया बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि आप कोर्ट का आधा हिस्सा ही कवर करते हैं. सानिया ने कहा कि युगल में उनके प्रदर्शन की वजह से उनकी एकल की सफलता फीकी पड़ गई.