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Malaika Handa: पंजाब सरकार की नाकामी के आगे तेलंगाना के मंत्री की दरियादिली

भारत की दिव्यांग शतरंज खिलाड़ी मलिका हांडा ने हाल ही में पंजाब सरकार के खेल मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा, पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने उन्हें बताया, राज्य सरकार उन्हें नौकरी और नकद इनाम नहीं दे सकती, क्योंकि सरकार के पास मूक बधिर खेलों के लिए ऐसी कोई नीति नहीं है. मलिका ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट लिखा और एक वीडियो भी अपलोड किया था. ऐसे में तेलंगाना के मंत्री केटी रामाराव ने शतरंज खिलाड़ी मलाइका हांडा की आर्थिक मदद की है.

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Chess player Malaika Handa

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Published : Jan 10, 2022, 5:49 PM IST

हैदराबाद:तेलंगाना के उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव ने सोमवार को पंजाब की शतरंज खिलाड़ी मलाइका हांडा को अपनी ओर से 15 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी. विश्व बधिर शतरंज चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीतने वाली खिलाड़ी को रामाराव ने उन्हें यहां एक चेक भेंट किया.

केटीआर, जिसे रामाराव के नाम से जाना जाता है, उन्होंने भी उन्हें एक लैपटॉप उपहार में दिया. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें भविष्य की चैंपियनशिप की तैयारी में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे केटीआर ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से उन्हें सरकारी नौकरी देने का अनुरोध किया.

बता दें, 3 जनवरी को तेलंगाना के मंत्री ने खिलाड़ी को आर्थिक सहायता देने का वादा किया था. जबकि पंजाब सरकार द्वारा बधिर खिलाड़ियों के लिए एक नीति की कमी के कारण कथित तौर पर उसे नकद पुरस्कार देने से इनकार करने के बारे में ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

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शतरंज खिलाड़ी के अनुसार, उन्हें बताया गया कि राज्य सरकार उन्हें नौकरी और नकद इनाम नहीं दे सकती. क्योंकि सरकार के पास बधिर खेलों के लिए ऐसी कोई नीति नहीं है.

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मलिका ने शतरंज में सात बार नेशनल चैम्पियनशिप जीती है. उन्होंने इसके अलावा कई इंटरनेशनल चैम्पियनशिप भी जीती हैं. इसके बावजूद अब तक पंजाब सरकार से उन्हें न तो कोई मदद मिली और न ही कोई सरकारी नौकरी का ऑफर आया है.

गौरतलब है, मलिका ने रविवार (2 जनवरी) को एक ट्विट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- मुझे बहुत दुख पहुंचा है. मैं 31 दिसंबर 2021 को पंजाब के स्पोर्ट्स मिनिस्टर से मिली थी. अब वे कह रहे हैं कि पंजाब सरकार कोई सरकारी नौकरी या नगदी ईनाम नहीं दे सकती, क्योंकि उनके पास मूक-बधिर खिलाड़ियों के लिए कोई पॉलिसी ही नहीं है. इससे पहले वाले स्पोर्ट्स मिनिस्टर ने मुझे नगदी ईनाम देने की घोषणा की थी.

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मैंने इसके लिए एक पत्र भी लिखा था. उन्होंने मुझे इसके बाद निमंत्रण भी भेजा था, लेकिन कोरोना के चलते यह रद्द कर दिया गया. यही सब कुछ मौजूदा स्पोर्ट्स मिनिस्टर परगत सिंह के समय भी हो रहा है. उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि यह घोषणा पूर्व मंत्री ने की थी, मैंने या सरकार ने नहीं.

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