नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को गुरुवार को अंतरिम राहत देते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की तीन सदस्यीय समिति (COA) देश की सर्वोच्च खेल संस्था का कामकाज नहीं संभालेगी. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और आईओए की तरफ से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील पर गौर किया कि विश्व खेल संस्थाएं सीओए जैसे निकाय को मान्यता नहीं देती और इसके परिणाम स्वरूप भारत को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से रोका जा सकता है.
शीर्ष अदालत ने विधि अधिकारी की इस दलील पर भी गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. इसके बाद न्यायालय ने आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत प्रदान की. उच्चतम न्यायालय के इस आदेश के बाद अब दिल्ली उच्च न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति आईओए का कामकाज नहीं संभाल पाएगी. प्रशासकों की समिति में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप को रखा गया था.