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SC ने कहा, सीओए को बर्खास्त माना जाए, एआईएफएफ के चुनाव एक सप्ताह के लिये स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के कामकाज के संचालन के लिए नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही शीर्ष अदालत ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिए हैं ताकि मतदाता सूची में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो सके.

Supreme Court dissolves CoA  सुप्रीम कोर्ट ने सीओए किया भंग
Supreme Court dissolves CoA

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Published : Aug 22, 2022, 12:45 PM IST

Updated : Aug 22, 2022, 4:55 PM IST

नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति को बर्खास्त माना जाए. समिति के अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे थे. न्यायालय ने कहा कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप के आयोजन और अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) द्वारा एआईएफएफ पर लगाया निलंबन रद्द कराने के लिये इसने अपने पूर्व आदेश में बदलाव किया है.

न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड और ए एस बोपन्ना ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव एक सप्ताह के लिये स्थगित कर दिये हैं ताकि मतदाता सूची में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरूआत हो सके. पीठ ने कहा कि एआईएफएफ चुनाव के लिये मतदाता सूची में प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश संघों के 36 प्रतिनिधि होने चाहिये जैसा कि फीफा ने मांग की है. न्यायालय ने फीफा से बातचीत के बाद पूर्व आदेश में बदलाव की खेल मंत्रालय की अपील पर यह आदेश दिया.

उच्चतम न्यायालय ने कहा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के चुनाव के लिए सीओए के द्वारा नियुक्त चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा और तपस भट्टाचार्य को अदालत द्वारा नियुक्त माना जाएगा. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के दैनिक कामकाज को निकाय के कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे. इसने कहा कि एआईएफएफ की कार्यकारी समिति में 23 सदस्य होंगे जिनमें छह नामचीन खिलाड़ी (दो महिला खिलाड़ी) होंगे.

न्यायालय ने 17 अगस्त को केंद्र से एआईएफएफ पर फीफा का लगाया निलंबन रद्द कराने और भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी सुनिश्चित कराने के लिये सक्रिय भूमिका निभाने को कहा था. फीफा ने 16 अगस्त को भारत को करारा झटका देते हुए तीसरे पक्ष के गैर जरूरी दखल का हवाला देकर एआईएफएफ को निलंबित कर दिया था और यह भी कहा था कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप का आयोजन नहीं हो सकता. अंडर 17 महिला विश्व कप 11 से 30 अक्टूबर के बीच होना है.

सीओए नहीं संभालेंगे आईओए का कामकाज
इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के मामले में भी यथास्थिति बनाए रखने के अपने उस आदेश को सोमवार को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (COA) भारतीय खेलों की सर्वोच्च संस्था के कामकाज को नहीं संभालेगी. न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने आईओए द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब भी मांगा.

पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया गया है. अगले आदेश तक यथास्थिति बनी रहेगी. चार सप्ताह के बाद सूची तैयार करें. इस मामले में अगली सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र और आईओए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उन दलीलों पर गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. उच्चतम न्यायालय ने इसके बाद आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत का आदेश दिया.

यह भी पढ़ें:सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाये रखने का आदेश, COA नहीं संभालेंगे IOA का कामकाज

उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप शामिल हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त को आईओए के मामलों के संचालन के लिए सीओए के गठन का आदेश दिया था.

पीटीआई-भाषा

Last Updated : Aug 22, 2022, 4:55 PM IST

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