बेंगलुरु : भारतीय कप्तान और करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री ने शुक्रवार को अपने संन्यास के बारे में चल रही बातों को दरकिनार करते हुए कहा कि उन्होंने खेल से अलविदा लेने के लिये कोई समयसीमा तय नहीं की है. छेत्री अभी 38 वर्ष के हैं और अब भी भारतीय आक्रमण की अगुआई करते हैं जिसका अंदाजा यहां चल रही सैफ चैम्पियनशिप के तीन मैचों में उनके पांच गोल से लगाया जा सकता है.
छेत्री ने लेबनान के खिलाफ भारत के सेमीफाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, 'मैं नहीं जानता कि देश के लिए मेरा अंतिम मैच कब होगा. मैंने कभी भी लंबे समय के लक्ष्य नहीं बनाये, मैं अगले मैच के बारे में सोचता हूं, अगले 10 दिन के बारे में सोचता हूं. यह (संन्यास) एक दिन होगा ही और यह उस दिन होगा जब शायद मैं ऐसा नहीं चाहता हूंगा. लेकिन तब तक मैं इसके बारे में नहीं सोचता'.
एशिया के दूसरे सबसे ज्यादा 91 गोल करने वाले खिलाड़ी छेत्री ने कहा कि उन्होंने संन्यास लेने पर फैसला करने के लिए खुद के लिए कुछ मानदंड तय किये हैं. उन्होंने कहा, 'कुछ मानदंड हैं जिनके बारे में सोचता हूं. मैं टीम के लिए योगदान कर पा रहा हूं या नहीं. मैं गोल कर पा रहा हूं या नहीं, जितनी कड़ी ट्रेनिंग करना चाहता हूं, उतनी कर पाता हूं या नहीं. ये कुछ मानक हैं जो मुझे बतायेंगे कि मैं इस टीम के लिए ठीक हूं या नहीं. जिस दिन मुझे लगा कि ऐसा नहीं है तो मैं खेल को अलविदा कह दूंगा क्योंकि फिर मेरे खेलने के लिए कोई और कारण नहीं होगा'.
छेत्री ने कहा, 'लेकिन मैं यह नहीं बता सकता कि यह (संन्यास) एक साल बाद होगा या फिर छह महीने बाद. मेरा परिवार भी इसके बारे में अटकलें लगा रहा है और जब भी वे इसका जिक्र करते हैं तो मैं मजाकिया अंदाज में उन्हें अपने आंकड़े बता देता हूं'.