नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने एक बार फिर अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा के साथ अपने मतभेदों को हवा दी है और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) को पत्र लिख कर कहा है कि आईओए अध्यक्ष के गलत कामों को उजागर होना चाहिए.
मित्तल ने पहले आईओसी के एथिक्स कमिशन को पत्र लिख कहा था कि वो बत्रा को हॉकी और ओलम्पिक से बैन कर दें। इसके बाद बत्रा ने थॉमस बाक को पत्र लिख मित्तल के आरोपों को गलत बताया था.
अब मित्तल ने बाक को पत्र लिखा है और कहा है कि , "बत्रा के छोटे जवाब ने उनके गलत कामों की पोल खोल दी है, चूंकि वो मेरी शिकायत को तथ्यों के साथ खारिज नहीं कर सके इसलिए उन्होंने अप्रत्यक्ष तरीके से मेरी शिकायत के उद्देश्य पर सवाल उठा दिए."उन्होंने लिखा, "बत्रा द्वारा आपको भेजे गए संदेश में उन्होंने माना है कि वो हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य हैं, उनके इस कबूलनामे में भारतीय राष्ट्रीय खेल कोड - 2011 का उल्लंघन हुआ है, जिसके मुताबिक किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ की जनरल एसेंबली में उन्हें वोट करने का अधिकार नहीं है."मित्तल ने साथ ही कहा कि वो 2021 में आईओए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की रेस में नहीं हैं इसलिए बत्रा इस मुद्दे को लेकर आराम से रह सकते हैं.उन्होंने लिखा, "मैं उनके विस्तारित जवाब का इंतजार करूंगा ताकि मैं इसके बाद अपने सभी पत्ते खोल सकूं और तथ्य तथा कागजों से उनके झूठ का पदार्फाश कर सकूं."मित्तल ने कहा था कि 2017 में जब आईओए के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था तब बत्रा द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया था. उन्होंने साथ ही कहा था कि बत्रा आईओए अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के लिए चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं थे.बत्रा ने हालांकि मित्तल के आरोपों को गलत बताया था. बाक को भेजे गए संदेश में कहा था कि मित्तल का ढाई साल बाद इस मुद्दे को उठाना काफी निराशाजनक है.