दुबई: भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अभी दुबई में मौजूद हैं. यहां पर आयोजित होने वाली डब्ल्यूटीए 1000 दुबई ड्यूटी-फ्री टेनिस चैंपियनशिप में खेलने के बाद वो अपने पेशेवर टेनिस करियर का समापन करेंगी. संन्यास लेने से पहले छह बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन सानिया ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने एक इंटरव्यू में बोला है कि वो करियर में हासिल की गई अपनी उपलब्धियों से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि ये सारी वही उपलब्धियां हैं जिसका उन्होंने बचपन में सपना देखा था.
एएनआई से बात करते हुए सानिया ने कहा कि करियर में पाई गईं सभी उपलब्धियों को हासिल करना उनके लिए आसान नहीं था. अपने छह साल की उम्र के अनुभवों को साझा करते हुए सानिया ने कहा कि उस उम्र में कभी सोचा नहीं था कि वो 20 साल से अधिक समय तक भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. इतने सारे ग्रैंड स्लैम जीतेंगी, दो साल के लिए टेनिस की वर्ल्ड नंबर 1 खिलाड़ी बनेंगी और चार बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगी. उन्होंने आगे कहा कि 'वो बहुत भाग्यशाली हैं और इतने सारे सपने और बहुत कुछ हासिल करने के लिए वो बहुत आभारी हैं. उन्होंने कहा, जिस समय हमने टेनिस रैकेट उठाया था उस समय हैदराबाद से विंबलडन खेलना या विंबलडन जीतने का सपना देखना बहुत दूर की बात थीं. यह तथ्य सही है कि हम सभी ग्रैंड स्लैम जीतने में सक्षम थे, लेकिन विंबलडन बहुत खास था.
इंटरव्यू के दौरान मिर्जा ने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के फाइनल मैच के बाद पोस्ट मैच सेरेमनी में भावुक होने पर कहा कि- 'यह मेरे लिए बहुत ही भावुक क्षण था क्योंकि मैं पिछले दो हफ्तों से बहुत सारी भावनाओं से गुजर रही थी. पेशेवर टेनिस में मेरी पूरी यात्रा ऑस्ट्रेलियन ओपन से ही शुरू हुई, जब मैं 2005 में सेरेना विलियम्स के खिलाफ खेली थी. वे सभी पल मेरे लिए बहुत अभिभूत करने वाले थे इसलिए वे सभी खुशी के आंसू थे'. आपको बता दें कि सानिया ने जनवरी में अपना अंतिम ग्रैंड स्लैम खेला था जब उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के डबल्स में रोहन बोपन्ना के साथ जोड़ीदारी की और फाइनल में पहुंचने में कामयाब रहीं लेकिन दुर्भाग्य से ये भारतीय जोड़ी ब्राजील की लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस को जोड़ी से फाइनल में हार गई थी. पोस्ट मैच सेरेमनी के दौरान पूर्व विश्व नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी भावुक हो गई थीं और अपने आंसुओं को रोक नहीं पाई थी.