नई दिल्ली:नौकायन के 22 जूनियर खिलाड़ियों के डोप परीक्षण में विफल होने के कारण शर्मिेंदगी का सामना कर रहे भारतीय नौकायन संघ (आरएफआई) ने कहा कि ऐसा फूड सप्लीमेंट (पूरक खाद्य) के कारण हुआ होगा.
आरएफआई के महासचिव एमवी श्रीराम ने कहा कि भारतीय शिविर में शामिल जूनियर खिलाड़ियों के फूड सप्लीमेंट की जांच की जाएगी. श्रीराम ने यह भी कहा कि 22 एथलीटों में से अधिकांश को सरकार की प्रमुख योजना खेलो इंडिया से चुना गया था.
इन सभी के परीक्षण में प्रोबेनेसिड (वसा कम करने वाला पदार्थ) पाया गया. श्रीराम ने कहा, "यह फूड सप्लीमेंट के कारण ऐसा हुआ होगा, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष जुलाई में हैदराबाद में परीक्षण किए गए 32 में से 22 मामले पॉजिटिव आए. हम इससे चिंतित है. जाहिर है कि सभी निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा."
इस साल अप्रैल में कार्यभार संभालने वाले इस अधिकारी ने कहा, "हम आरोपों का आकलन करेंगे और पता करेंगे कि वास्तव में क्या गलत हुआ."
उन्होंने कहा, "इन 22 खिलाड़ियों में से ज्यादा खेलो इंडिया से आए है. ज्यादातर खिलाड़ी अब 18 साल से अधिक के हो गए है. हम हर चीज का विश्लेषण कर रहे हैं. कौन से सप्लीमेंट लिए गए, किस कोच ने उन्हें सिफारिश की थी."
श्रीराम ने यह भी कहा कि सभी रोवर्स (नौका चालक खिलाड़ी) ने कोविड-19 महामारी से संबंधित यात्रा प्रतिबंधों के कारण दोहा की यात्रा करने में असमर्थता के कारण अपने बी नमूनों के परीक्षण नहीं करवाने का फैसला किया.
इससे पहले राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा था "रोइंग महासंघ को आत्मनिरिक्षण करना होगा कि क्या गलत हुआ है. एक साथ इतने सारे लोग राष्ट्रीय शिविर में एक ही पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए हैं तो देखना होगा कि कौन इन लोगों के लिए सप्लीमेंट की व्यवस्था कर रहा था. शायद यह फूड सप्लीमेंट है जो गलती से लिया गया है."
आरएफआई के महासचिव एम.वी. श्रीराम ने कहा था कि महासंघ इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि 2019 में लिए टेस्ट के परिणाम अब आ रहे हैं.