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कुश्ती में सफलता हासिल करने के बाद आज एमएमए में उतरेगी रितु फोगाट

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Published : Nov 16, 2019, 12:09 PM IST

अपनी पहली फाइट को लेकर रितू ने कहा, रितु ने कहा, "में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में विश्व चैंपियन बनना चाहती हूं. अभी मैं जो भी कर रही हूं वो मुझे उसी दिशा में आगे लेकर जा रहा है."

Ritu Phogat

बीजिंग : राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता भारत की महिला पहलवान रितु फोगाट कुश्ती के अखाड़े में ताल ठोकने के बाद अब मिक्स मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में उतरेंगी. वन चैंपियनशिप के 'ऐज ऑफ ड्रैगन्स' प्रतिस्पर्धा में शनिवार को रितु का पहला मुकाबला कैडिलैक एरेना में दक्षिण कोरिया की किम नाम से होगा.

रितु फोगाट

पेशेवर एमएमए में अपने मैच से पहले 24 वर्षीय रितु ने साफ कर दिया की इस खेल में आने का उनका एक ही मकसद है. रितु ने कहा, "में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में विश्व चैंपियन बनना चाहती हूं. अभी मैं जो भी कर रही हूं वो मुझे उसी दिशा में आगे लेकर जा रहा है."

रितु ने कहा, "मैंने इस नए खेल में अपना पूरा दिल लगा दिया है. मैं एमएमए में वर्ल्ड टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के लिए लडूंगी. इस खेल में मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रही हूं. ये मेरे लिए बहुत गर्व की बात है."

रितु ने पहले भारत के लिए कुश्ती में कई सम्मान अर्जित किए हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और अंडर-23 कुश्ती चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक अपने नाम किया था.

रितु भारतीय खेल में प्रसिद्ध फोगाट परिवार से आती हैं जिनकी कहानी बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म 'दंगल' में दशाई गई थी. उनके पिता महावीर सिंह फोगाट एक जाने-माने पहलवान और कुश्ती के प्रशिक्षक हैं और उनकी बहनें गीता, बबिता और संगीता कुश्ती में चैंपियन रह चुकी हैं.

रितु अपने परिवार की पहली ऐसी सदस्य है जो एक खेल में महारथ हासिल करके दूसरे खेल में कूद पड़ी हैं.

उन्होंने कहा, "मैं भारतीय मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के लिए विश्व स्तर पर सफलता पाना चाहती हूं. दुनिया के सामने अपने देश की संस्कृति एवं इतिहास का सम्मान करना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन सबसे पहले मुझे शनिवार को जीत हासिल करनी होगी. मैंने मैच के लिए बहुत अच्छी तैयारी की है, पर ये मेरी पहली लड़ाई है और इससे मुझे पता चलेगा की आगे क्या करना है."

रितु के कोच पूर्व विश्व चैंपियन ड्रियन फ्रांसिस्को और ब्राजील के जू-जुत्सु वर्ल्ड चैम्पियन तेको शिंजातो हैं. दोनों का मानना है की रितु पिछले कुछ महीनों में एक फाइटर के तौर पर बहुत आगे बढ़ी हैं.

फ्रांसिस्को कहते हैं, "जब रितु ने पहली बार सिंगापुर में ट्रेनिंग की तो उन्हें स्ट्राइकिंग की कोई जानकारी नहीं थी पर अब वो मुक्का, लात और कुश्ती का सम्मिलित प्रयोग करना सीख गई है. रितु मेहनती हैं और नई चीजें जल्दी सिख लेती हैं."

शिंजातो जो सिंगापुर की जु-जुत्सु टीम के भी कोच हैं यह मानते हैं की रितु का 'ग्राउंड गेम' में काफी अच्छा हो गया है. उन्होंने कहा, "वो कुश्ती खेल चुकी हैं इसलिए टेकडाउन बहुत अच्छे से कर लेती है. मैं उसको आधार बनाकर रितु को एक ऑल-राउंडर फाइटर में बनाने की कोशिश कर रहा हूं."

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